बांका. दिल्ली (Delhi)के बहुचर्चित निर्भया कांड Nirbhaya Case जैसी दिल दहला देने वाली घटना बिहार के बांका (Banka) में सामने आई है. यहां दरिंदों ने आठ साल की बच्ची का अपहरण कर रेप Rape करने के बाद उसकी हत्या कर दी है. बाद में सबूत छिपाने के लिए नग्न अवस्था में शव को मिट्टी में दबा दिया गया. घटना बांका जिले के चांदन रेलवे स्टेशन के समीप सूखे नाले की है. मिली जानकारी के मुताबिक यहां के निवासी गौतम पोद्दार की आठ वर्षीय बच्ची मानसी शनिवार को अचानक लापता हो गयी थी. मानसी की खोजबीन में पूरा परिवार रात तक जुटा रहा लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.
रविवार को मानसी के पिता गौतम पोद्दार कुछ अन्य लोग उसको ढूंढते हुए रेलवे स्टेशन Railway Station और वहां स्थित सूखे नाले में भी देखने लगे. नाले से कुछ दूर पर उन्हें कपड़ा नजर आया. इसके बाद वहीं मिट्टी में दबाया शव दिखा जिसमें उसके हाथ और पैर साफ तौर पर दिख रहे थे. लोगों ने जब मिट्टी को हटा कर शव को बाहर निकाला तो वो हैरान रह गए. मानसी की दोनों आंखें फोड़ने के साथ ही उसके शरीर पर बेरहमी के कई निशान मिले. बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिलने की सूचना जंगल में आग की तरह फैली जिसके बाद वहां सैकड़ों लोगो की भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर बेलहर एसडीपीओ और स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसने शव को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेज दिया.
मृतक बच्ची के पिता गौतम पोद्दार ने अपनी मासूम बेटी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है. उनकी लिखित आवेदन पर चांदन थाना पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. घटना की तहक़ीकात करने के लिये स्वयं पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद कुमार गुप्ता भी रविवार की शाम चांदन पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया. एसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया बच्ची का अपहरण कर उसे साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या की गई है. उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही दुष्कर्म की पुष्टि और मौत के कारण का पता चलेगा.
वहीं, पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बीच, बच्ची से दरिंदगी के बाद उसकी हत्या से स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे. महिलाएं व बच्चे सहित अन्य लोगों ने नारेबाजी करते हुए दोषियों को अविलंब फांसी देने की मांग की. बाद में पुलिस प्रशासन के द्वारा कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए नाराज लोगों को सड़क से हटने के लिये मनाया गया.