दिल्ली स्कीम वर्कर्स विरोधी बजट के खिलाफ धरना प्रदर्शन व पुतला दहन।
जहां एक तरफ दिल्ली के बजट को लेकर बबाल मचा हुआ था और जैसे तैसे बजट पेश हो गया तो अब एक नही कहानी सामने आइए है जी हां
आपको बतादे आज सैकड़ों आशा वर्कर्स मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करने के लिए सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन इक्कठा हुई और वहां से जुलूस बनाकर गगन भेदी नारे लगाते हुए बजट नहीं छलावा है,आशा के साथ धोखा है,हमे इंसेंटिव नही वेतन दो,45 वें श्रम सम्मेलन के अनुसार कर्मचारी मानो,सभी सोसल सिक्योरिटी लागू करो आदि मांगो को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंची जहाँ उनका जुलूस सभा में तब्दील हो गया वही दिल्ली स्वास्थ मिशन के अधीन लगभग 6.5 हजार आशा वर्कर्स विभिन्न डिस्पेंसरियों में अपनी सेवा दे रही है। कहने के लिए और अधिकारों से वंचित रखने के लिए इन्हे स्वैच्छिक वर्कर कहा जाता है लेकिन काम के नाम पर बिना इंसेंटिव स्थाई कर्मचारियों की तरह अधिकार के साथ काम लिया जाता है। प्रशासन नियमित इस तरह काम ले रहा है। जब आशा वर्कर अपने अधिकार, और उचित इंसेंटिव की बात करती है तो तरह-तरह से प्रताड़ित,उत्पीड़ित किया जाता है।
दिल्ली सरकार भी आशा वर्करों की मांगों को अनदेखा कर रही है। 45 वें श्रम सम्मेलन के त्रिपक्षीय वार्ता में सरकारों ने माना था कि स्कीम वर्कर्स सरकार का दिया हुआ काम करती है और सरकार के देख रेख में काम करती है इस लिए इन्हे कर्मचारी मानना चाहिए। लेकिन सरकारें अपने ही वादे को लागू नहीं कर रही है। दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन (दावा यूनियन) संबद्ध_ A I U T U C द्वारा दिल्ली सरकार और आशा मिशन को दिए गए बजट पूर्व मांग पत्र, ज्ञापनों में स्पष्ट किया गया है कि इस बजट में प्वाइंट मुक्त कर वेतन किया जाए , सभी इंसेंटिव को तीन गुना बढ़ाया जाए, सभी सोशल सिक्योरिटी लगी किया जाय, पेंशन, ग्रेच्युटी सहित 15 सूत्रीय मांगो को ध्यान में रख कर बजट निर्धारित किया जाय, लेकिन सरकार ने अपने ही वादे को दरकिनार करते हुए आशाओं को निराश किया है हम इसका पुरजोर विरोध करते है और मांग करते है की सरकार आशा मांगो को स्वबिकार करे।अंत में ए आई यू टी यू सी के दिल्ली राज्य सचिव एम चौरसिया अपने समापन भाषण में सरकार को चेताया की अगर सरकार मांगे नहीं मानी तो आने वाले समय में अनिश्चित कालीन हड़ताल किया जाएगा।