Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-plugin-mojo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
देखिए किस गांव में मुसलमान भी जमकर खेलते हैं होली,लगाते हैं देवी मां के जयकारे! « The News Express

देखिए किस गांव में मुसलमान भी जमकर खेलते हैं होली,लगाते हैं देवी मां के जयकारे!

झांसी। बुंदेलखंड के विभिन्न गांवों में होली अलग-अलग अंदाज में मनाई जाती है। यहां झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील के वीरा गांव की होली का अंदाज एकदम अलग है। इस गांव का मुख्य त्योहार ही होली है। यहां हिंदू और मुसलमान मिलकर होली खेलते हैं। इतना ही नहीं, होली के रंग में डूबे मुलसमान भी यहां हिंदुओं के साथ- साथ गांव की आराध्य देवी मां के जयकारे लगाते हैं। यहां की होली सांप्रदायिक सद्भाव की जीती-जागती मिसाल है।

गांव में दिखता है अपनत्व और भाईचारा
वीरा की होली इतनी मशहूर है कि आसपास के गांवों से भी लोग इसे देखने और यहां होली खेलने आते हैं। गांव के घर-घर में होली मनती है। चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, सभी एकत्र होकर बड़े हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग भी यहां पर होली वाले दिन देवी मां के जयकारे लगाते मिलते हैं। वे होली की फागें भी गाते हैं। धार्मिक सद्भाव के प्रतीक इस गांव में भेदभाव से परे होकर अपनत्व और भाईचारे के साथ सभी एक-दूसरे के माथे पर होली का तिलक लगाते हैं।

गुलाल का है विशेष महत्व
वीरा गांव के राजाराम कुशवाहा बताते हैं कि यहां के लोग राधा-कृष्ण को विशेष रूप से मानते हैं। इसलिए यहां बृज के अंदाज में ही गुलाल से होली खेलने को वरीयता दी जाती है। इसलिए हरसिद्ध माता के मंदिर पर काफी मात्रा गुलाल चढ़ाने की परंपरा है। इस कारण भी यहां पर गुलाल से होली खेलने की परंपरा है। केवल पूर्णिमा के दिन पानी वाले रंगों से होली खेली जाती है। यहां सबसे पहले मंदिर में आरती भजन के साथ होली का पर्व शुरू होता है। मंदिर और गांव की परिक्रमा की जाती है। रात में भजन, कीर्तन और फाग गाते हुए हुरियारे मंदिर से निकलकर पूरे गांव में घूमने के बाद फिर वापस मंदिर आते हैं। यहां गुलाल से खूब होली खेली जाती है। रंग-बिरंगे गुलाल से गांव की गलियां पट जाती हैं। पूरे समय गुलाल ही गुलाल उड़ता दिखाई देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *