बड़वानी में आयोजित धर्मसभा में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर धाम के, पत्रकार वार्ता के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में मतांतरण के बारे में पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि हम आदिवासी क्षेत्रों में वनवासियों के आमंत्रण पर ही जा रहे हैं और उन्हें जजमान बना रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भारत के कथा वाचकों से प्रार्थना की कि शहरों की कथाओं से धर्म नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि हमें उन ग्रामीणों के पास जाकर कथा सुनानी चाहिए, जिन्हें अपेक्षा के बावजूद उपेक्षित रखा जा रहा है।
उन्होंने हिंदू राष्ट्र की बात करते हुए कहा कि अब धर्मांतरण की अनुमति नहीं होगी। हिंदू समुदाय एकत्रित हो रहा है, जाग रहा है, और अब बालाजी की कृपा से धर्मांतरण करने वालों की योजना बेकार हो जाएगी। उन्होंने एक राजनीतिज्ञ के बाहर जाकर कथा नहीं करने के बयान को लेकर कहा कि साधुओं का काम है लोगों को जगाना है किसी राजनेता की बात का जवाब देना नहीं। उन्होंने कहा, “हम साधु तो नहीं हैं, लेकिन हम साधु की पीठ बागेश्वर हैं और हम उसके सेवक हैं। भगवान राम तब राम हुए जब वे वन में गए, और जब वे वन में गए, तो वनीय हो गए। इसलिए हमें भी लोगों को जागरूक करने के लिए वनों और ग्रामों में जाना होता है।”
इतनी बारिश में श्रद्धालुओं के इंतजार करने और दरबार के दौरान डटे रहने पर उन्होंने कहा, “कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह के सरल व्यवहार और आग्रह के लिए मैं बड़वानी आया हूँ। मौसम के खराब होने के कारण दिन में नहीं पहुंच सके थे। इतनी बारिश में जनता बनी रही है, यही हमारे देश का सौभाग्य है और सनातन संस्कृति का प्रभाव है। हनुमान जी की कृपा उल्लेख करते हुए, बड़वानी भक्ति नगर है और आसपास के जिलों की जनता इतनी भावुक है कि ऐसा लगता है कि पूरी रात दरबार चलता रहे तो भी उन्हें जाने की आवश्यकता नहीं होगी। मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि हम शीघ्र ही कथा के लिए बड़वानी आएंगे।”