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धर्म के नाम पर प्यार-मुहब्बत होना चाहिए, झगडे और हिंसा नहीं- इंद्रेश कुमार « The News Express

धर्म के नाम पर प्यार-मुहब्बत होना चाहिए, झगडे और हिंसा नहीं- इंद्रेश कुमार

 

झाँसी-18 सितम्बर 2022-‘‘भारत विभिन्न धर्मों का देश है, धर्म के नाम पर प्यार-मुहब्बत होना चाहिए, झगडे और हिंसा नहीं। इबादत के नाम पर दंगे नहीं होने चाहिए। प्रत्येक धर्म की पवित्र पुस्तक वतन की मुहब्बत की सीख देती है। वतन की मुहब्बत ही ईमान है और ईमान ही मोक्ष का रास्ता है।’’
उपरोक्त विचार भारतीय सद्भावना मंच के तत्वावधान में दीनदयाल सभागार में आयोजित ‘‘आओ जड़ों से जुडे़’’-’’राष्ट्र रक्षा सूत्र’’ विषयक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि भारतीय सद्भावना मंच के संरक्षक देवर्षि इन्द्रेश कुमार जी ने व्यक्त किए। उन्होने कहा कि हिन्दुस्तान में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिन्दुस्तानी पहले है, हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख या ईसाई बाद में। हमारी परम्परायें, खानपान, पहनावा, बोली, भाषा, रीतिरिवाज एक हैं, अतएव हमें आपसी गलतफहमियों को दूरकर राष्ट्रसेवा का व्रत लेना चाहिए।
मुख्य अतिथि मा. इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक मजहब को इज्जत और आजादी के साथ जीने की छूट देता है, हमें अपनी इबादत और पूजा करने की पूर्णतया आजादी है। उन्होनें आव्हान किया कि हम अपनी जड़ों से जुडें और भारत मां की एक संतान की तरह मिलजुल कर रहें, तभी देश का और समाज का विकास संभव है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए झाँसी- ललितपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद डाॅ. अनुराग शर्मा ने कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता सभी धर्मों, जातियों की खुशहाली से होकर गुजरता है, अगर हमें खुशहाल रहना है तो आपसी मतभेदों और रुढियों को छोडकर राष्ट्रहित में कार्य करना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आल इण्डिया खानकाह ऐसोशिएसन के उपाध्यक्ष सूफ़ी शाह सैययद जियारत अली मलंग हक्कानी मदारी (कानपुर) ने कहा कि इस्लाम इंसानियत और मुहब्बत का मजहब है, इस्लाम की सूफी और फकीर परम्परा ने प्रेम और भाईचारे का पैगाम दिया है। जंगे आजादी में सबसे पहले फकीर आन्दोलन और सन्यासी विद्रोह ने बाबा मजनूं शाह मदारी (मकनपुर) और पण्डित कामताप्रसाद (बिठूर) के नेतृत्व में जनता ने अग्रेंजों के खिलाफ परचम उठाया, जिससे कुपित होकर अंग्रेंजों ने खानकाह, दरगाहों और इबादतगाहों को नेस्तानाबूद करने का कार्य किया। उन्होनें कहा कि फकीर और सूफी परम्परा ही देश की सांझा संस्कृति की विरासत को आगे ले जाने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अनूप शिवहरे ‘देहाती’ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जडों की ओर लौटकर राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम को मा. उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त एयर कमाण्डर सोमदेव, हाजी अतीक अहमद, बुन्देलखण्ड संयोजक, भारतीय सद्भावना मंच, विनोद अग्रवाल जी (लोहे वाले), बुन्देलखण्ड संरक्षक, भारतीय सद्भावना मंच, शकील रजा, संयोजक, भारतीय सद्भावना मंच, (मेरठ प्रान्त), जिला धर्माचार्य हरिओम पाठक, फिल्म एवं टी. वी. अभिनेता आरिफ शहडोली आदि ने भी सम्बोधित किया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में डाॅ. हिना आसिफ द्वारा सरस्वती वंदना तथा डाॅ. मुहम्मद नईम द्वारा राष्ट्रगीत प्रस्तुत किया गया तथा देवराज चतुर्वेदी द्वारा मुख्य अतिथि इंद्रेश कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
अतिथियों का स्वागत भारतीय सद्भावना मंच की राष्ट्रीय संयोजिका-साध्वी माँ कल्पना अरुंधति ने, संचालन डाॅ. मुहम्मद नईम ने तथा आभार वरिष्ठ समाजसेवी अमरसिद्ध ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में गुलाम गौस खाँ प्रकोष्ठ, युवा मोर्चा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, सेना रानी लक्ष्मीबाई प्रकोष्ठ ने सहयोग किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम, महारानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. सुशील चतुर्वेदी, वरिष्ठ समाज सेवी मनमोहन गेंडा, राजेश साहू, हाजी सगीर (मेरठ), हाजी हनीफ (मेरठ), रीना मिश्रा (जयपुर), डाॅ. मो. फुरकान (पीलीभीत), ऐजाज अहमद (नई दिल्ली), डाॅ. अजय कुमार गुप्ता (जबलपुर), अकमल रजा, सौरभ रावत भांजें, सुनील रायकवार, श्रीमती एकता अग्रवाल, रजनी गुप्ता, सरदार कमलजीत सिंह, अविनाश आचार्य, काजल कुशवाहा, सतीश अग्रवाल, प्रफुल्ल जैन, कृष्णा वर्मा, पप्पू ठेकेदार (ललितपुर), हाजी अतीक अहमद (ललितपुर), इस्लाम खां, राजेन्द्र अग्रवाल, ओमप्रकाश, वीरेन्द्र पूर्व पार्षद, प्रदीप गुप्ता, हाजी नईम कुरैशी, नीरज सिंह, शरद नामदेव, प्रशान्त पचैरी, फरजाना, नफीसा, मोहसिना, आयशा, इकरा, रिजवाना आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में हाजी अतीक अहमद व शकील रजा द्वारा मुख्य अतिथि को चांदी का मुकुट भेंट किया, रेहान कुरैशी द्वारा रामदरबार, नदीम कुरैशी, गुलाम गौस खां बिग्रेड द्वारा रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा, रमजान, तबरेज द्वारा गुलाम गौस खां एवं रानी झांसी की प्रतिमा भेंट की, वहीं अतीक अहमद, अनीस (टीकमगढ), सरफराज अहमद मंसूरी (टीकमगढ़), कलाम एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के निदेशक शेख अरशद, प्रो. प्रतीक अग्रवाल, अनूप करौसिया आदि द्वारा मुख्य अतिथि को शाॅल, अंगवस्त्र आदि भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम के अन्त में 300 मुस्लिम बहिनों द्वारा मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार जी को रक्षा सूत्र बांधा गया,
इस अवसर पर रंगकर्मी गिरधारी लाल द्वारा जंगे आजादी के कोहिनूर गुलाम गौस खां जीवनी पर आधारित एकल नाट्य प्रस्तुति दी गई।

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