निर्भया एक्ट की तरह हेट स्पीच पर कानून बनाने की मांग

– नफरत की राजनीति मिटाने के लिए, राम और खान ने केंद्र से की अपील

– नफरत मिटाने के लिए, ऑल इंडिया नेशनल रक्षा सेना पार्टी कर रही है काम

नई दिल्ली। ऑल इंडिया नेशनल रक्षा सेना पार्टी ने देश में नफरत की राजनीति पर चिंता जताते हुए इसके खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेसवार्ता में पार्टी के संस्थापक सचिव मोहम्मद शाहिद खान ने कहा कि सरकार हेट स्पीच पर, निर्भया एक्ट की तरह ही कड़ा कानून बनाए, ताकि उन लोगों, संगठनों, और दलों पर रोक लग सके जो अपने भड़ाकाऊ भाषणों से देश और समाज में नफरत की भावना को बढ़ावा देते हैं।

मोहम्मद शाहिद ने कहा कि यदि मामले में एक कड़ा केंद्रीय कानून बनाया जाता है, तो न सिर्फ हेट स्पीच पर रोक लगेगी, भड़काऊ भाषणों के जरिए धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने वालों की गिरफ्तारी भी होगी। उन्होंने भारत सरकार से ऐसा कानून लाकर उसे पूरे देश में लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह देश की एकता, अखंडता, और सामाजिक-सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए जरूरी है। साथ ही, देश के लोकतांत्रित मूल्यों को मजबूत करने वाला कदम होगा।

मोहम्मद शाहिद ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुहिम को लेकर काम कर रही है और जो भी लोग इस विषय पर उनके साथ साथ जुड़ना चाहें, वे उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि हेट स्पीच के मामले में, आम तौर पर पुलिस लोगों को गिरफ्तार करती है, लेकिन प्रभावशाली लोग अक्सर गिरफ्तारी से बच निकलते हैं। हालांकि, इस पर अगर निर्भया एक्ट की तरह एक कड़ा कानून बनाया जाए, तो यह सभी पर समान रूप से लागू होगा और किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।

वहीं, पार्टी के अध्यक्ष जी. रामकृष्णा ने कहा कि वे यहां नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ने आए हैं। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया नेशनल रक्षा सेना पार्टी, हेट स्पीच को मुद्दा बनाकर देश में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति से देश की एकजुटता को काफी नुकसान हुआ है। केरल सहित देश के तमाम हिस्सों में यह इस तरह की राजनीति देखी जा सकती है, जो बेहद पीड़ा देने वाली है। हमारी कोशिश उसी राजनीति को मिटाने की है।

इसे ओछी राजनीति करार देते हुए जी. रामकृष्णा ने कहा कि इस तरह की राजनीति की वजह से ही किसी समुदाय विशेष के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, जो लोगों की भावनाओं को आहत करने के साथ-साथ समाज में अलग-अलग समुदायों के बीच वैमनस्य भी पैदा करते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि सरकार इस पर कानून बनाए।

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