पंडोखर धाम के गुरु जी प. गुरु शरण शर्मा ने कहा कि तन, मन, एवं धन के साथ बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण का करेंगे सहयोग।

 

झांसी बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने पंडोखर सरकार से राज्य निर्माण में समर्थन मांगा। पंडोखर सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र एव प्रभु राम का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बुंदेलखंड के राजस्व,पर्यटन,प्राचीन धार्मिक भावनाओं को ध्यान में जन्मों जन्मांतर का कोई पुण्योदय हुआ है,जिस कारण मेरे पूर्वजों को प्रसाद प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि उनका जन्म बुंदेलखंड की भूमि दतिया जिले में हुआ। सब लोग मानते है कि पंडोखर सरकार एक ऐसा दिव्य स्थल है जो भारत वर्ष के लिए ही नही अपितु देश विदेश के लिए शोधकर्ताओ का केंद्र है। बुंदेलखंड अति प्राचीन दिव्य स्थल है जहां साक्षात नारायण परमपिता परमेश्वर वास करते है, जहां मां गंगा,भगवती दुर्गा स्वयं वास करती हैं।वह बुंदेलखंड हैं। जहां ऋषि महा ऋषि, योगी जोगी,जपी, अनुष्ठानी, हटी योगी वास करते है।

जब भगवान श्रीराम को बुंदेलखंड में लीलाएं करनी थी तभी रानी केकयी के वर मांगने पर भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास प्राप्त हुआ था।भगवान श्रीराम ने स्वीकार किया की उन्हें 14 वर्ष का वनवासी बनकर रहना हैं तब वह अयोध्या से रवाना होकर , प्रयाग राज की भूमि से गंगा पार कर बुंदेलखंड की धरती चित्रकूट में आकर वास करते है। चित्रकूट में अकसर हमारे ऋषि मुनिओ के कथनानुसार विद्वानो का मत है कि भगवान श्रीराम 12.5 वर्ष चित्रकूट धाम में रहे। रामजी ने अधिकतर समय चित्रकूट धाम बुन्देलखण्ड को दिया।
इसलिए बुंदेलखंड राज्य की स्थापना होनी चाहिए। जिससे यहाँ का विस्तार, विकास, प्रकाश हो सके। महिमा का वर्णन, पर्यटन का विकास हो, तीर्थों के नाम उजागर हो सके। यहाँ की अर्थ व्यवस्था मजबूत हो सके । प्राचीन महत्व का प्राकट्य हो सके। आज भी ग्रामीण बुंदेलखंड में अभी तक मूलभूत सुविधाओं का आभाव है।उन्होंने कहा कि वे परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करते है, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से अपील है कि शीध्र से शीध्र संगठित होकर बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए संघर्ष करे।
पण्डोखर सरकार धाम की ओर से तन मन और अवश्यकता पड़ने पर धन मुहैया करवा कर बुंदेलखंड राज्य निर्माण में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।सभी बुंदेली योद्धाओं को आशीर्वाद। प्रतिनीधिमंडल में रघुराज शर्मा, गिरजा शंकर राय, बंटी दुबे, प्रदीप झा, राघवेंद्र यादव, हरभजन गुप्ता, अंकुश वर्मा आदि शामिल रहे।

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