बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विवादों में हैं. वो बिना लोगों के बताए उनकी समस्या जान लेने का दावा करते हैं. उनकी इस विद्या को नागपुर की एक समिति ने नागपुर में हो रही कथा के दौरान चुनौती दी थी.
इसके बाद अब बाबा ने इसे स्वीकार किया है. अब नागपुर की समिति के अध्यक्ष का ही विरोध हिंदू संगठन कर रहा है. इधर बाबा ने एक बार फिर कहा है कि वो चुनौती स्वीकार करते हैं और वो खुद नागपुर जाएंगे.
रायपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास बागेश्वर धाम है. इसके बाबा हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री. बाबा दिव्य नाम से दरबार लगाते हैं. इस दरबार में कथा भी करते हैं और लोगों की समस्या हल करने का दावा करते हैं. अब बाबा का ये काम साइंस पर विश्वास करने वालों को अंधविश्वास बढ़ाने वाला लग रहा है. इस वर्ग के लोगों ने बाबा से कहा है कि वो बिना पूछे उनकी समस्याएं जानकर दिखाएं. समिति ने 30 लाख का ऑफर भी दिया. अब समिति की चुनौती को बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने समिति के 30 लाख रुपए के ऑफर को भी ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा कि वे फ्री में ही उनके सभी सवालों के जवाब देंगे. समिति के सदस्यों को रायपुर में 20 और 21 जनवरी को होने वाले दरबार में पहुंचना होगा.
नागपुर में क्या हुआ ?: हाल ही में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में कथा की. नागपुर की समिति ने इसी दौरान धीरेंद्र शास्त्री को उनके दावों को सिद्ध करने का चैलेंज दिया. समिति का आरोप है कि ”धीरेंद्र ने चैलेंज स्वीकार नहीं किया. 5 से 13 जनवरी तक कथा होनी थी लेकिन दो दिन पहले ही धीरेंद्र नागपुर से चले गए, जबकि आमंत्रण पत्र और पोस्टर में 13 जनवरी तक कथा का जिक्र था.”
बाबा ने कथा जल्दी खत्म क्यों की: पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि ”नागपुर में हमारी कथा 7 दिन की थी. हम कथा छोड़कर नहीं भागे. गुरु जी के जन्मदिन की वजह से सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए हैं. इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए. नागपुर में पिछले सात दिनों तक लगातार कथा करते रहे और इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, लेकिन तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी.”
अब बाबा क्या बोले: धीरेंद्र कृष्ण ने यह भी कहा कि ”हम अपने इष्ट का प्रचार करते हैं. हमारा दावा नहीं है कि हम आपकी समस्या को मिटा देंगे लेकिन हमें अपने इष्ट पर भरोसा है. हम अंधविश्वास के पक्षकार नहीं हैं. हम ईश्वर नहीं हैं. हम नहीं कहते समस्या दूर कर सकते हैं. हमारे इष्ट लोगों की समस्या को दूर करते हैं. हनुमान जी की पूजा करना, उनका प्रचार करना क्या गलत है? यह सनातन धर्म को टारगेट करने की सोची समझी साजिश है. हमने कानून का उल्लंघन नहीं किया है और ना ही करेंगे.”
समिति के संस्थापक श्याम मानव का विरोध किसने किया: अब नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव का ही विरोध शुरू हो गया है. एक कार्यक्रम में हिंदू संगठनों ने श्याम मानव का विरोध किया और जय श्रीराम के नारे लगाए.
श्याम मानव ने खुद क्या कहा: प्रोफेसर श्याम मानव ने कहा है कि ”इसको चैलेंज एक्सेप्ट करना नहीं बोलते हैं. जहां हजारों भक्त होंगे, उनके सामने कैसे इस चैलेंज को पार किया जा सकता है?यह साइंटिफिक तरीके से होना चाहिए. महाराज का दावा है कि वह व्यक्ति का नाम जान सकते हैं, पिता जी का नाम जान सकते हैं. उनकी उम्र जान सकते हैं. उनका मोबाइल नंबर भी जान सकते हैं. तो फिर महाराज जी यह सिद्ध करें. नागपुर में सुरक्षित वातावरण है. बहुत अच्छे ढंग से यह कंडक्ट हो जाएगा और दूध का दूध पानी का पानी सिद्ध हो जाएगा. इसलिए महाराज को उनकी सहूलियत से, उनकी डेट के हिसाब से यह सिद्ध करना चाहिए.”
प्रोफेसर श्याम मानव ने यह भी कहा कि ”हम बगल के रूम में 10 चीजें रखेंगे. वह सभी दस चीजों को पहचानें. उन्होंने खुद दावा किया है कि भक्तों की अलमारी में कौनसी चीज रखी है. यह दोनों प्रक्रिया नागपुर में सभी पत्रकारों के सामने होगी. दो बार यह चुनौती कंडक्ट की जाएगी. पहली बार और दूसरी बार में वह 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा सही जानकारी देते हैं तो उन्हें दिव्य शक्ति है, यह मान लिया जाएगा. मैं उनके चरणों पर माथा टेकूंगा. मैंने आपके बारे में गलत जानकारी दी, ऐसा कहकर मैं माफी भी मांगूंगा. मैं 40 साल से कई बाबाओं को एक्सपोज़ कर रहे संगठन को भी बंद कर दूंगा.”
कहां है बागेश्वर धाम: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में गड़ा गांव में बागेश्वर धाम स्थित है. यहां हनुमानजी का मंदिर है. इस मंदिर के पास धीरेंद्र कृष्ण के दादाजी और गुरुजी की समाधि बनी हुई है. लोग यहां मंगलवार के दिन आकर अर्जी लगाते हैं. बागेश्वर धाम में ही भव्य दरबार लगता है. दरबार में से पंडित धीरेंद्र शास्त्री किसी का भी नाम लेकर बुलाते हैं और वह व्यक्ति जब तक उनके पास पहुंचता तब तक शास्त्री जी एक पर्चे पर उस व्यक्ति का नाम पता सहित उसकी समस्या और समाधान लिख देते हैं. लोगों की मान्यता है कि बागेश्वर धाम में लगी अर्जी कभी विफल नहीं होती है.