पटना। बिहार के मधुबनी में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब मधेपुरा डीएम विजय प्रकाश मीणा की गाड़ी ने चार लोगों को रौंद दिया। जिसमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई। घटना मंगलवार सुबह की है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के तुरंत बाद डीएम और उनके साथ मौजूद लोग गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गए। जिस समय हादसा हुआ गाड़ी में डीएम, ड्राइवर, बॉडीगार्ड और एक लड़की थी। घटना के बाद कोई बाइक वहां आयी और उन्हें लेकर चली गई। मौके पर ही दोनों मां-बच्चे की मौत हो गई थी। वहीं एक मजदूर की भी मौत हादसे में हुआ। एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल है। पांच दिन की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौट रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और मधेपुरा के जिलाधिकारी की इनोवा कार बिहार में नैशनल हाइवे 57 पर अनियंत्रित हो गई।
कार से चार लोग कुचले गए, जिनमें तीन की घटनास्थल पर मौत हो गई। मंगलवार सुबह हुए इस हादसे से इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने इनोवा गाड़ी को कब्जे में ले लिया और हंगामा करने लगे। घटना मधुबनी के फुलपारस थाना स्थित पुरवरी टोला के पास एनएच 57 की है। चश्मदीदों ने बताया कि डीएम विजय प्रकाश मीणा की गाड़ी डिवाइडर से टकराकर अनियंत्रित हो गई। इसने पहले सड़क पर रंगाई का काम कर रहे मजदूरों को चपेट में लिया। उसके बाद सड़क किनारे रेलिंग की ओर गाड़ी ने एक महिला और उसकी बच्ची को चपेट में ले लिया। मधेपुरा डीएम की गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई तुरंत ही लोगों ने एसयूवी को घेर लिया। हालांकि, डीएम और उनके साथ मौजूद लोग तुरंत ही घटनास्थल से रवाना हो गए। फिलहाल मृतकों पहचान नहीं हो पाई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हादसे में सड़क पर पेंट करने वाले एक मजदूर, एक महिला और एक बच्ची की मौत हुई है। मधेपुरा के जिलाधिकारी की इस गाड़ी का ना तो इंश्योरेंस था और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी नहीं था
डीएम की सरकारी गाड़ी इनोवा जिसका नंबर BR-43 E 0005 था।इसी गाड़ी से मधुबनी के फुलपारस थाना स्थित एनएच 57 पर भीषण एक्सीडेंट हुआ। इस बीच जिस गाड़ी से हादसा हुआ उसे लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही।डीएम की सरकारी गाड़ी का इंश्योरेंस फेल था। इस गाड़ी का इंश्योरेंस 23 दिसंबर 2019 तक ही मान्य था। यानी पिछले करीब 4 सालों से जिलाधिकारी की इनोवा बिना इंश्योरेंस के चल रही थी। हैरत की बात यह भी है कि जिलाधिकारी की इस सरकारी गाड़ी का प्रदूषण प्रमाण पत्र भी नहीं था। इसका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी 24 सितंबर 2021 को समाप्त हो गया था। तब से ये गाड़ी ऐसे ही चल रही थी। वहीं गाड़ी का इंश्योरेंस फेल होने का खामियाजा हादसे का शिकार बने लोगों को उठाना पड़ेगा। मृतकों के परिजनों को थर्ड पार्टी क्लेम नहीं मिल सकेगा। अब पता चला है कि डीएम की सरकारी गाड़ी का इंश्योरेंस फेल था। जिसका सीधा असर इससे प्रभावित लोगों पर होगा। उनकी गाड़ी से कुचलकर मारे गए तीन लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। डीएम के सरकारी गाड़ी का इंश्योरेंस फेल होने के कारण मृतकों के परिजनों को थर्ड पार्टी क्लेम भी नहीं मिलेगा। थर्ड पार्टी क्लेम के रूप में मिली बीमा राशि मृतकों के आश्रितों के काम आ सकती थी।