-संस्कृत रामायण का रचना करके वे श्रेष्ठ कहलाए
-रामायण महाकाव्य हमें जीवन के सत्य, कर्तव्य से कराता है परिचित
-हर घर में पढ़े जाने चाहिए रामायण और गीता ग्रंथ
गुरुग्राम। रविवार को यहां पुराना रेलवे रोड स्थित नई बस्ती में भगवान वाल्मीकि की जयंती भव्यता से मनाई गबई। इस समारोह में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल मुख्य अतिथि रहे। मेयर मधु आजाद कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व पार्षद दलीप साहनी, पार्षद रजनी साहनी, योगेंद्र सारवान, अनिल अटवाल जिला माइनिंग अधिकारी मौजूद रहे। नवीन गोयल ने यहां भव्य आयोजन के लिए भगवान वाल्मीकि समाज कल्याण सभा को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान भगवान वाल्मीकि द्वार का भी उद्घाटन किया गया।
जयंती कार्यक्रम में जिला खनन अधिकारी अनिल आठवाल, पार्षद योगेंद्र सारवान, समाजसेवी पवन पाहुजा, अंबेडकर सभा के प्रधान रतन सिंह, कबीर मंदिर के प्रधान डा. के. लाल, रविदास सभा के महासचिव ज्वाला प्रसाद, समाजसेवी प्रताप सिंह कदम, सेक्टर-5 आरडब्ल्यूए प्रधान दिनेश वशिष्ठ, जितेंद्र भल्ला, पवन आनंद ने शिरकत की। अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा कि भगवान वाल्मीकि का जीवन श्रेष्ठ व्यक्ति बनने की प्रेरणा देता है। संस्कृत रामायण का रचना करके वे श्रेष्ठ कहलाए। उनके द्वारा रचित संस्कृत रामायण महाकाव्य हमें जीवन के सत्य, कर्तव्य से परिचित कराता है। वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना समाप्त करने के बाद इसे लव व कुश को पढ़ाया। उन्होंने इस महाकाव्य को गाया और इसकी महिमा को दूर-दूर तक फैलाया। नवीन गोयल ने कहा कि यह हमारा भी फर्ज बनता है कि हम इस धार्मिक गं्रथ का खूब प्रचार प्रसार करें। अपने घरों में रामायण और गीता का निरंतर पाठ करें। यह सिर्फ एक गं्रथ ना होकर हमारी संस्कृति का अहम पहलू है। ये दोनों ग्रंथ हर घर के मंदिर की शोभा होने चाहिए। नवीन गोयल ने कहा कि अब वह समय नहीं है जब कोई किसी समाज को पीछे धकेलकर चले। अब सबके साथ चलने का समय है। वाल्मीकि समाज जिसके साथ खड़ा होता है, वह आगे बढ़ता है। चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या सामाजिक। श्री गोयल ने कहा कि रामायण न केवल एक महान महाकाव्य है, बल्कि पृथ्वी पर भगवान राम के दिनों का एक दिव्य संकलन भी है।
मेयर मधु आजाद ने कहा कि भगवान वाल्लीकि का जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है। हर कोई उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए समाज में भलाई के काम करे। हम समाज को आगे बढ़ाने के लिए अपना जरा सा भी योगदान देते हैं तो वह एक समय में बहुत बड़ा हो सकता है। इच्छाशक्ति हमारी उस काम के प्रति होनी चाहिए। भगवान वाल्मीकि ने ऐसे धार्मिक महाकाव्य की रचना करके हिंदुओं की आस्था को मजबूत बनाने का काम किया।
सभा के प्रधान सुल्तान वाल्मीकि ने कहा अग्रवाल समाज और वाल्मीकि समाज एक-दूसरे का पूरक है। दोनों का गहरा संबंध है। अग्रवाल समाज जहां राम के वंशज हैं, वहीं वाल्मीकि समाज कुश के वंशज है। इस आयोजन में उपप्रधान कुलदीप ङ्क्षसह खैरालिया, महासचिव मनीष कुमार सौदा, गौरव कुमार खैरालिया संयुक्त सचिव, राजकुमार खैरालिया कोषाध्यक्ष, अमित सौदा ऑडिटर, प्रदीप कुमार, उज्जवलदीप (ईशु) संयोजक, सुरेंद्र कुमार गहचंद भंडारी, पैटर्न त्रिलोक चंद सारवान, सुशील कुमार सौदा, रमेश कुमार सारसर, सोमानंद, जुगेश कुमार सारवान की अहम भूमिका रही