भीम ब्रिगेड ट्रस्ट सुखमनी सेवा ट्रस्ट और पी न्यूज़ , राष्ट्रीय सैनिक संस्था और अन्य संस्थाओं ने मिलकर एक बार फिर शमशान घाट में पड़ी लावारिस अस्थियों को एकत्रित कर किया विधि विधान से सामूहिक विसर्जन जिसमें मौजूद रहे राजीव जोली खोसला , राजू सचदेवा जी भाजपा निगम पार्षद जगतपुरी 209, योगेश गौड़ जी ,इंदु ,नरेंद्र जैन जी , राकेश विज, ट्रस्ट की अध्यक्ष रोशनी रहेजा जी उपाध्यक्ष मंजू चौधरी जी, डॉ नदीम अहमद पी न्यूज़ ,राजू रहेजा जी, विनोद कुमार गुप्ता जी, लता नंदी जी, दीपा नागर जी, अभिषेक कौशिक जी मोहित शर्मा जी, प्रिया शर्मा जी ,संदीप शर्मा जी, मोनू शर्मा जी , राजकुमार यादव जी, सोनू माथुर जी, रवि कश्यप जी ,अरुण कुमार शर्मा जी, कैप्टन एम शिवा जी, परमजीत जी ,मनदीप सिंह आदि ने किया योगदान सोमवार सवेरे 8 बजे सीमापुरी शमशान घाट से लावारिस अस्थियों को छोटा हाथी टेंपो में भरकर वह अन्य साथी टेंपो ट्रेवल में बैठकर ऋषिकेश के लिए रवाना हुए पदम श्री आदरणीय जितेंद्र सिंह शंटी जी ने की और सुखमनी सेवा ट्रस्ट की अध्यक्षता रोशनी रहेजा को और आगे बढ़ाने की शपथ दिलवाई ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम के सर्वे सर्वा स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने विधि -विधान से पूजा पाठ करके अस्थियों का विसर्जन करवाया
भीम ब्रिगेड ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव जोली खोसला ने भी हर प्रकार से इन लावारिस अस्तियों को मोक्ष दिलाने का वचन लिया और बढ़ चडकर सुखमनी सेवा ट्रस्ट पी न्यूज़, भीम ब्रिगेड ट्रस्ट व अन्य संस्थाओं के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया जो हर प्रकार से अपनी सहायता देते रहते हैं चाहे व समय का दान हो या किसी और प्रकार का सहयोग पी न्यूज़ के फाउंडर डायरेक्टर डॉ नदीम अहमद ने भी हर प्रकार से संस्थाओं को सहायता करने का वचन लिया कन्याकुमारी से आए स्वामी कैप्टन शिवाजी ने भी अपना योगदान देने के लिए कहां और आने वाले समय में संस्थाओं का एक कार्यक्रम कन्याकुमारी में भी किया जाएगा जनता की प्रेरणा के लिए सुखमनी सेवा ट्रस्ट के मेंन पिलर राजू रहेजा जी काफी समय से इस कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे जो यह आज कार्यक्रम संपन्न हुआ और उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद पुनः यह कार्यक्रम किया जाएगा आप सभी के सहयोग से। स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने सुखमनी सेवा ट्रस्ट,पी न्यूज़ और भीम ब्रिगेड ट्रस्ट के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया कि वह इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं लोग तो अपने अपनों का अस्थि विसर्जन नहीं करते यह तो गैरों का कर रहे हैं जिन्हें यह जानते भी नहीं और पूरे विश्व में इन संस्थाओं से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।।।