नई दिल्ली,केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने पर कहा कि आज उच्च न्यायालय ने भी माना कि मनीष सिसोदिया शक्तिशाली व्यक्ति हैं, अगर उन्हें जमानत मिलती है तो वह गवाहों को प्रभावित करेंगे। पत्रकार वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी श्री संजय मयूख और दिल्ली भाजपा प्रवक्ता श्री हरीश खुराना उपस्थित थे।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि एक कहावत है कि अगर बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो खेत क्या करेगा। कुछ ऐसी ही कहानी दिल्ली के अंदर पिछले कुछ समय से चली आ रही है। जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेदारी थी, वही भ्रष्टाचार को लगातार अंजाम देते रहे और उसी का परिणाम है कि मनीष सिसोदिया की याचिका बार-बार खारिज हो रही है। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले के अंदर दिल्ली को टैक्स की क्षति पहुंचाई गई और इसे सिर्फ अपने फायदें के लिए लाया गया था।
श्रीमती लेखी ने कहा कि 27 मई को एक सप्लिमेट्री चार्जशीट दाखिल की गई जिसमें कहा गया है कि जांच में ऐसी बाते सामने आई है कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने होलसेलर्स के 12 फीसदी कमीशन बढ़ाने की कोई डिटेल जानकारी नहीं दी है और इसकी फाइलन रिपोर्ट जो आबकारी विभाग से मांगनी थी, उसे भी नहीं मांगा गया।
श्रीमति लेखी ने कहा कि 5 मार्च 2021 को श्री अर्वा गोपी कृष्णा एक्साइज कमिश्नर बने थे, उन्हें भी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की मीटिंग में नहीं बुलाया गया। जांच के दौरान जब्त किए गए कम्प्यूटर से हार्ड डिस्क ली गई, जिसमें कई खुलासे हुए।
श्रीमती लेखी ने कहा कि सी. अरविंद और सुनील सिंघल ने अपने बयान में कहा कि 5 फीसदी से 12 फीसदी तक होलसेलर्स को लाभ मार्जिन बढ़ाया गया और एल वन लाइसेंस का टर्नओवर 100 करोड़ से 500 करोड़ अगले पांच सालों तक के लिए बढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि 20 मई एवं 21 मई 2021 को गौरी अपार्टमेंट में हुई एक मीटिंग जिसमें विजय नायर, अमनदीप सिंह ढल और अर्जुन पांडेय मौजूद थे, उसमें शराब नीति में फायदा उठाने की शर्तों और उसके उपायों पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद मनीष सिसोदिया के कहने पर ही इंडोस्प्रीट कंपनी को लाइसेंस दिया गया जिसे श्री अर्वा गोपी कृष्णा ने अपने दिये बयान में स्वीकार किया है।