नई दिल्ली:-मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने युवाओं की क्षमता और ऊर्जा का सही उपयोग करते हैं, तो भारत बहुत प्रगति करेगा। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में ‘मौन क्रांति’ हो रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाया जा रहा है। हम लोगों ने शिक्षा के कंटेंट पर काम करना चालू किया है कि जो पढ़ा रहे हैं, क्या उससे बच्चों को नौकरी मिलेगी। बच्चों को कभी बिजनेस की दिशा में सोचने को कहा ही नहीं गया। उनकी क्षमता, उर्जा और इनोवेशन को कभी पंख ही नहीं दिए गए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह यूनिवर्सिटी में भी ‘बिजनेस ब्लास्टर्स’ प्रोग्राम शुरू किया जाए, जिससे कि 11वीं व 12वीं के बच्चे जब कॉलेज में जाएं, तो उनका आइडिया न रूके। यूनिवर्सिटी में हर बच्चे पर काम करना चाहिए कि आगे वो क्या करने जा रहा है। बिना कैरियर प्रोग्राम के एक भी बच्चा बाहर निकलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने सारी व्यवस्था हम लोगों को तंग करने के लिए बनाई थी। इस व्यवस्था को भी बदलना पड़ेगा। अगर हम सभी मिलकर देश सुधारने में लगेंगे, तो हमारे देश को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता है।
मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी विद्यार्थियों के सपने पूरे हों और सभी खूब तरक्की करें- अरविंद केजरीवाल
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय का आज दीक्षांत समारोह का आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एलजी अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव विजय कुमार देव, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह की शुरुआत से पहले राष्ट्रगान हुआ। इसके उपरांत एलजी और सीएम अरविंद केजरीवाल समेत अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरुआत की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप सभी लोगों की जिंदगी का बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जिन वि़द्यार्थियों को आज डिग्री मिल रही है, उन सभी को बधाई। सभी अभिभावकों को भी बधाई, जिनके बच्चों को डिग्री मिल रही है और जिनके प्रयास से आज यह संभव हो रहा है, उन सभी फैकल्टी को भी बधाई। आज का दिन सबकी जिंदगी में बड़ा महत्वपूर्ण होता है। मुझे भी याद है, जब मुझे डिग्री मिली थी। जिंदगी भर यह दिन रहता है। एक तरह से आज जिंदगी का एक फेज पूरा हुआ और हम दूसरे फेज में प्रवेश करने जा रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी विद्यार्थियों के जो भी सपने हैं, वो पूरे हों। सब लोग खूब तरक्की करें और खूब आगे बढ़ें। आप अपनी भी तरक्की करें, देश के लिए भी तरक्की करें और समाज के लिए भी तरक्की करें।
दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में शानदार सुधार हुए हैं, पहले सरकारी स्कूल बहुत खराब होते थे- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमेशा युवाओं के बीच में आकर अच्छा लगता है। युवाओं से बात करके अच्छा लगता है। युवा विचार और उर्जा से भरे हुए होते हैं। हमारे देश के अंदर अंग्रेजों ने जो शिक्षा व्यवस्था बनाई थी, वही शिक्षा व्यवस्था आज चली आ रही है। उसके अंदर कोई बहुत मूलभूत बदलाव नहीं किया गया। उन्होंने व्यवस्था बनाई थी कि बच्चे बीए, बीकॉम, बीएससी की डिग्री लेंगे। मैं इसे किसी भी तरह कम नहीं कह रहा हूं। लेकिन डिग्री लेने के बाद आज का युवा नौकरी ढूंढने के लिए निकलता है और नौकरी के बाजार में वो अपने आप को दर-दर की ठोंकरें खाता हुआ पाता है। दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में शानदार सुधार हुए हैं। सरकारी स्कूल जो पहले बहुत खराब होते थे, अब बहुत शानदार बन गए हैं। अब एक ही सरकारी स्कूल में रिक्शेवाले, आईएएस अफसर, जज, अमीरों और गरीबों का बच्चा सब एक साथ एक ही बेंच पर बैठ कर पढ़ते हैं। यह बहुत बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन है। शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शानदार नतीजे आ रहे हैं। अब धीरे-धीरे हम लोग शिक्षा के कंटेंट पर काम करना चालू किया है कि हम लोग पढ़ा क्या रहे हैं? हम लोग जो पढ़ा रहे हैं, क्या वो सार्थक है? क्या इस पढ़ाई के बाद हमारे बच्चे के बाहर जाने पर रोजगार या नौकरी मिलेगी? यह सबसे जरूरी है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस क्षेत्र के अंदर ‘मौन क्रांति’ हो रही है। बच्चों को मानसिक तौर पर तैयार किया जा रहा है कि आपको स्कूल से निकलने के बाद नौकरी ढूंढने वाला नहीं बनना है, बल्कि आप को स्कूल से निकलने बाद नौकरी देने वाला बनना है। आपको बिजनेस करना है और बिजनेस करने के लिए तैयार होना है। इस दिशा में बच्चों को तैयार किया जा रहा है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीें के बच्चे उद्योगपतियों के सामने प्रजेंटेशन कर रहे हैं कि क्या आप हमारे बिजनेस में निवेश करेंगे?- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से बिजनेस ब्लास्टर्स नाम से एक कार्यक्रम तैयार किया गया है। 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों को दो-दो हजार रुपए दिए जाते हैं और उनको कहा जाता है कि कुछ बिजनेस करो। एक बच्चे के बाद दो हजार रुपए हैं। इस प्रोग्राम के तहत पांच-दस बच्चे एक साथ भी आ सकते हैं और अपना पैसा पूलिंग कर सकते हैं। अपनी एक टीम बना सकते हैं और बिजनेस आइडिया सोच सकते हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इन बच्चों ने मात्र दो हजार रुपए इतना शानदार बिजनेस करना चालू किया है। दो हजार रुपए तो कुछ भी नहीं होता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बच्चों के कुछ आइडियाज का साझा करते हुए कहा कि हमारे बच्चों के दिमाग बहुत उपजाउ हैं। हर बच्चे को दो-दो हजार रुपए देते हैं और वो बिजनेस आइडिया सोचते हैं। बिजनेस शुरू करते हैं और उसमें कुछ मुनाफा कमाते हैं। फिर हमने एक इंवेस्टमेंट समिट रखी। इसमें देश के बड़े-बड़े अमीर लोगों को बुलाया और उन पैसे वालों के सामने हमारे बच्चों ने प्रजेंटेशन दिया कि मैं यह बिजनेस कर रहा हूं, क्यों आप मेरे बिजनेस में निवेश करेंगे? 11वीं और 12वीें के बच्चे बड़े-बड़े उद्योगपतियों के सामने प्रजेंटेशन कर रहे हैं कि क्या आप हमारे बिजनेस में निवेश करेंगे? कई सारे बच्चों को उसी दौरान निवेश मिला।
सरकारी स्कूलों के तीन लाख बच्चों ने 52 हजार बिजनेस आइडियाज दिए और हर बच्चा अपने आइडिया के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि एक टीम हैं, जिसमें पांच बच्चे हैं। उन बच्चों ने कॉफी का विकल्प निकाला। एक ड्रिंक बनाया। उस ड्रिंक में कैफेइन नहीं है। लेकिन उसका टेस्ट कॉफी जैसा है और उसकी सुगंध कॉफी जैसी आती है। यह 11वीं और 12वीं के बच्चों ने इजाद किया है। उसमें आयरन, कैल्शियम, एंटी वायरल समेत कई सारे तत्व हैं। पांच बच्चे थे और 10 हजार रुपए का निवेश था। इससे उन बच्चों ने 50 हजार रुपए कमा लिए। इंवेस्टमेंट समिट में उनको 18 लाख रुपए का निवेश मिला है। वहीं, आठ बच्चों ने मिलकर एक नई किस्म की व्हील चेयर बनाई है। इसे स्मार्ट व्हील चेयर नाम दिया। इसे अपंग लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। उनको इंवेस्टमेंट समिट में 5.5 लाख रुपए मिले और वे अब तक 60 हजार रुपए कमा भी चुके हैं। कुछ बच्चे ऐसे थे, जिन्होंने अंधे और बहरे लोगों ने ब्लाइंड स्टीक बनाई। वो ब्लाइंड स्टीक लेकर चल सकते हैं। उन छह बच्चों ने लगभग 17500 रुपए कमा चुके हैं और 5 लाख रुपए का निवेश मिला है। ऐसे ढेरों आइडियाज हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में 11वीं और 12वीें के तीन लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन सभी तीन बच्चों को हमने दो-दो हजार रुपए दिए। हम लोगों ने इन बच्चों में 60 करोड़ रुपए बांटे। इन बच्चों ने इसी किस्म के 52 हजार शानदार बिजनेस आइडियाज निकाले और हर बच्चा अपने आइडिया के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। मैं सोच रहा था कि कितना बच्चों का दिमाग उपजाउ हैं। उनको कभी इस दिशा में सोचने को कहा ही नहीं गया। उनकी क्षमता, उनकी उर्जा, उनके इनोवेशन को कभी पंख ही नहीं दिए गए है। सोचिए कि अगर यह बच्चे अपने-अपने आइडिया पर काम करते हैं, तो देश की कितनी तरक्की होगी।
घर चालने के लिए नौकरी चाहिए, इसके लिए तैयार करने को लेकर अभी हमारी यूनिवर्सिटी में कोई प्रयास नहीं होता है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने यूनिवर्सिटी के कुलपति और शिक्षा मंत्री से अपील करते हुए कहा कि बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम को यूनिवर्सिटी में भी शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि 11वीं और 12वीं के बच्चों ने जो सोचा और उनका पैशन बना, अब वो बच्चे कालेज में जाएंगे और कालेज की इतनी सारी पढ़ाई होगी, तो उनका वो आइडिया कहां तक पहुंचेगा? कभी ऐसा न हो कि कई बच्चों के आइडिया रूक जाए। अगर कॉलेज से कोई बच्चा डिग्री लेकर जब बाहर निकले, तो यहीं से वो तैयार होकर निकले कि मुझे आगे जिंदगी में क्या करना है। अगर कॉलेज से ही वो तैयार होकर निकलेगा कि मुझे यह बिजनेस करना है और कॉलेज से ही बच्चे पार्टनर बन जाएंगे। कॉलेज से ही उनके बिजनेस की शुरूआत होगी और जब वो बाहर निकलेंगे, तो उनका हर आइडिया पैशन बन जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और अनुरोध करते हुए कहा कि अभी थोड़ा सा अवैयक्तिक है। क्लास में शिक्षक आता है, पढ़ाता है, कोर्स पूरा हुआ, परीक्षा हुई, पास हो गए और डिग्री मिल गई। मुझे लगता है कि जब बच्चा यूनिवर्सिटी या कॉलेज से पास होता है, तो हर उस बच्चे के उपर काम करना चाहिए कि आगे वो क्या करने जा रहा है। कुछ लोग उच्च शिक्षा करेंगे, बहुत अच्छी बात है। जो-जो लोग जिंदगी में आगे रोजगार या नौकरी लेना चाहते हैं, उनका कैरियर प्रोग्राम कॉलेज में ही तैयार होना चाहिए। बिना कैरियर प्रोग्राम के एक भी बच्चा निकलना नहीं चाहिए। चाहे वो बिजनेस करे, चाहे वो नौकरी करे या कुछ भी करे। मैं मानता हूं कि ज्ञान महत्वपूर्ण है। लेकिन घर भी तो चलाना है। इसलिए नौकरी भी तो चाहिए। महीने के अंत में पैसा भी तो चाहिए। उसके लिए तैयार करने के लिए अभी हमारी यूनिवर्सिटी में कोई प्रयास नहीं होता है। मुझे लगता है कि यह टारगेट और यह दृष्टिकोण जरूरी है कि हर बच्चा जो किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से निकले, वो कंक्रीट कैरियर प्रोग्राम लेकर निकले कि मुझे यह बिजनेस आइडिया करना है।
दिल्ली में किसी भी सरकारी दफ्तर में आने की जरूरत नहीं है, 1076 पर कॉल करिए और आपका सारा काम आपके घर पर ही हो जाएगा- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो बच्चे बिजनेस आइडिया लेकर निकल रहे हैं, उनसे मैंने और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जी ने खूब संवाद किया। बच्चों ने आइडिया तो सोच लिया और निवेश भी मिल गया, लेकिन जब आप बाहर निकलेंगे और असली में बिजनेस करना चालू करेंगे और जब सरकार से दो-दो हाथ करना पड़ेगा, तब नानी याद आएगी। कभी इस विभाग में धक्के खाएंगे, कभी उस विभाग में धक्के खाएंगे। कभी यहां से अप्रूवल लेना होगा, कभी वहां से अप्रूवल लेना होगा। यह जो पूरी सरकारी व्यवस्था है, यह भी अंग्रेजों के जमाने की चली आ रही है। अंग्रेजों ने सारी व्यवस्था हम लोगों को तंग करने के लिए बनाई थी। आज भी सारी व्यवस्था जनता को तंग करने के लिए ही बनी हुई है। इस व्यवस्था को भी बदलना पड़ेगा। सरकारी व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जो हमारी जिंदगी में मदद करे। मैं कोई बिजनेस करना चाहता हूं तो सरकार हमारी मदद करे। मैं जिंदगी में अगर कुछ करना चाहता हूं कि सरकार मेरी मदद करे। लेकिन पूरी की पूरी हमारी सरकारी व्यवस्था ऐसी है कि हर कदम पर हर इंसान को रोकने में लगी हुई है। इसे बदलना है। हमने इस दिशा में दिल्ली में छोटी-छोटी कई सारे प्रयोग किए हैं। कई बदलाव कर रहे हैं। जैसे, सरकार में आप कोई भी काम कराने जाते हैं, तो आपसे पैसे मांगे जाते हैं और बिना रिश्वत के काम नहीं होते हैं। हमने दिल्ली में इसको बंद कर दिया है। दिल्ली में हमने कर दिया है कि आपको किसी भी सरकारी दफ्तर में आने की जरूरत नहीं है। हमने एक नंबर 1076 दे दिया है। इस नंबर पर कॉल करो। जैसे आप अपने घर से फोन कर पिज्जा ऑर्डर करते हो, तो आपके घर पर पिज्जा डिलीवर होता है। ऐसे ही 1076 पर फोन करो, वहां से कॉल आएगी कि आपको दिल्ली सरकार से क्या काम कराना है? आप उसे बताइए कि आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है, राशन कार्ड चाहिए, बिजली का कनेक्शन चाहिए या कुछ भी चाहिए, दिल्ली सरकार से कोई आपके घर में आकर आपका काम करके जाएगा। आपको दफ्तर से छुट्टी नहीं लेनी है, आपको लाइनों में नहीं लगना है। आपको दलाल के चक्कर नहीं काटने हैं। आपका सारा काम आपके घर पर ही हो जाएगा।
पहले दिल्ली में काम कराने के लिए दफ्तर से छुट्टी लेकर लाइनों में लगना पड़ता था, अब पूरा सिस्टम बदल गया है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने एक तरह से पूरा का पूरा सिस्टम बदल दिया। पहले कोई भी काम कराना होता था, तो आप छुट्टी लेते थे, लंबी-लंबी लाइनों में लगते थे, फिर वहां पर कोई आपत्ति लगा दी जाती थी। आप कई बार जाते थे और आखिर में एक दलाल को पकड़ कर काम करवाते थे। यह सब बदल रहा है। हम सभी को मिलकर यह व्वयस्था बदलनी है। आज जितने लोग पास आउट हो रहे हैं, आप सभी की जिम्मेदारी है कि हम सब को मिलकर यह व्यवस्था भी बदलनी है और सबको मिलकर इस देश को भी आगे लेकर जाना है। हम सब को मिलकर इस समाज को आगे लेकर जाना है। आप जिंदगी में जो भी करें, जहां भी करें, अपनी-अपनी जिंदगी में देश के लिए थोड़ा सा समय निकालना, थोड़ा समय निकालना समाज के लिए और अगर हम सारे मिलकर देश सुधारने में लगेंगे, तो हमारे देश को तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता है।
हर छात्र संकल्प ले कि उन्होंने जो कुछ सीखा है, उसकी मदद से वे देश की तरक्की में योगदान देंगे- मनीष सिसोदिया
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा पूरी होने के बाद अब समय है कि पिछले सालों में आपने जो कुछ सीखा, जो कौशल हासिल किए, जो समझ बनाई, उसका इस्तेमाल करते हुए देश-समाज की समस्याएं व चुनौतियों को दूर करने का काम करें। उन्होंने कहा कि हर छात्र यह संकल्प ले कि उन्होंने जो कुछ सीखा है, उसकी मदद से देश की तरक्की में योगदान देगा। साथ ही, उन्होंने यूनिवर्सिटी के फैकल्टी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पिछले दो साल काफी अप्रत्याशित थे। महामारी के इन दो सालों में पूरी दुनिया ठप्प हो गई, लेकिन हमारे यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ने अपने मेहनत के दम पर शिक्षा के काम को नहीं रुकने दिया।
हमारी सरकार ने विश्वविद्यालयों में सीटों की संख्या बढ़ाई, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें- मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के लिए शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हमेशा रहेगी। इसी का परिणाम है कि लगातार 8 सालों से दिल्ली के बजट में शिक्षा को सबसे बड़ा हिस्सा मिलता है। उन्होंने कहा कि 2015 में दिल्ली सरकार के सामने यह चुनौती थी कि हमारे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से हर साल 2.5 लाख बच्चे 12वीं की पढ़ाई पूरी करके निकलते थे, लेकिन उनमें से केवल एक लाख बच्चों को ही दिल्ली के विभिन्न यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल पाता था। हमारी सरकार ने इसका संज्ञान लिया और अपने यूनिवर्सिटी में सीटों की संख्या बढ़ाई, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। इसी का परिणाम है कि पिछले 7 सालों में केवल आईपी यूनिवर्सिटी में ही सीटों की संख्या 28000 से बढ़कर 38000 हो गई है।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले सात सालों में दिल्ली सरकार ने डीपीएसआरयू, एनएसयूटी यूनिवर्सिटी की शुरुआत की। 2020 में डीएसईयू की स्थापना की तो 2021 में दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी व 2022 में दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी की शुरुआत की। साथ ही, डीटीयू के ईस्ट कैंपस, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के दो नए कैंपस व आईपी यूनिवर्सिटी के ईस्ट कैंपस को भी शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि 2015 में डीटीयू में 2226 सीट्स थी जो अब बढ़कर 4105 हो चुकी है। इसी प्रकार पिछले 7 सालों में एनएसयूटी में सीटों को संख्या 913 से बढ़कर 3000 से अधिक, आईजीडीटीयूडब्ल्यू में 300 से बढ़कर 1350, अंबेडकर यूनिवर्सिटी में 1800 से बढ़कर 4500 हो चुकी है।.