दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार शूटर से बड़ी जानकारी हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक, मूसेवाला की हत्या के लिए शूटर ने बाकायदा 8 बार रेकी की थी. 9वीं बार में वे अपने मकसद में कामयाब हुए थे. सूत्रों के मुताबिक 8 बार वो अपने मकसद में सिर्फ इसलिए कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि मूसेवाला की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी. लिहाजा हर बार वो कागज पर मार्किंग कर के लौट आते थे कि क्यों वो काम कामयाब नहीं हो पाए.
प्रियव्रत और दो शूटर विदेश में बैठे गोल्डी बरार से डॉयरेक्ट टच में थे. लिहाज़ा जब भी ये मूसेवाला की हत्या करने में फेल होते तो गोल्डी बरार की तरफ से इनको डांटा जाता था. 8 वीं बार जब ये अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके तो गोल्डी बरार की तरफ से ये निर्देश आया कि इस बार अगर गोली मारने में कामयाब नहीं हो पाए तो गाड़ी को ग्रेनेड से उड़ा देना. मगर बिना मकसद को अंजाम तक पहुचाये वापस मत आना.
लिहाजा 9वीं बार पूरी फुल प्रूफ प्लानिंग की गई. जिसके तहत शूटर हथियारों से लैस होकर मूसेवाला को मारने के लिए निकले थे. सूत्रों की माने तो ये अपने साथ ग्रेनेड लेकर गए थे लेकिन निर्देश और मौके की वजह से उसका इस्तेमाल नही कर पाए. सूत्रों ने बताया कि गोल्डी बरार ने विदेश से ग्रनेड मंगाए गए थे. लारेंस विश्नोई और गोल्डी बरार की तरफ से पैसे और लॉजिस्टिक मुहैया कराया गया था. सभी शूटर को एडवांस दिया गया था और उनसे कहा गया था कि काम पूरा होने के बाद पूरे पैसे मिलेंगे.
आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार दो शूटर समेत तीन लोगों को पूछताछ के वास्ते दो हफ्ते के लिए सोमवार को पुलिस हिरासत में भेज दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खनगवाल ने हरियाणा के सोनीपत के प्रियव्रत (26), झज्जर जिले के कशिश (24) और पंजाब के बठिंडा के केशव कुमार (29) को 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. इससे पहले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अदालत से कहा था कि बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है.
पुलिस ने अदालत से कहा कि प्रियव्रत ने शूटर की टीम की अगुवाई की और वह घटना के समय कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार के संपर्क में था. जांच एजेंसी के मुताबिक बरार ने लोकप्रिय गायक मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पुलिस का कहना है कि घटना से पहले एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में प्रियव्रत को देखा जा सकता है, वह पहले भी दो हत्याओं में शामिल था और उसे 2015 में सोनीपत में उनमें से एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.