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'''मोदी के जाल में फंस गए नीतीश कुमार « The News Express

”’मोदी के जाल में फंस गए नीतीश कुमार

(1). तो मोदी के जाल में फस ही गए नितीश कुमार ??

(2). बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सोच रहे थे की उन्होंने भाजपा के साथ खेला किया हैं उन्हें नही पता की ये मोदी का प्लान था ???

(3). जहां नीतीश की सोच खत्म होती है वांहा से मोदी जी का शुरू होता है !!!

बिहार में नितीश कुमार सोच रहे है की भाजपा को धोखा देकर उन्होंने बहुत बड़ा खेला कर दिया! सोच रहे है की हमने तो पूरी दुनिया ही जीत ली किंतु उन्हें अभी नहीं पता वो तो भाजपा के बुने हुए जाल में ही फंस गए! बीजेपी तो चाहती ही यही थी कि नीतीश कुमार उसका साथ छोड़कर फिर से तेजस्वी और कांग्रेस का हाथ पकड़ ले ! किसी ने बिलकुल सच ही कहा है ; की विरोधियों की जहा सोच खत्म होती है मोदी की वही से शुरू होती है! नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर वापस से राजद का हाथ थाम लिया तो लोगो को लगा की ये तो बीजेपी के लिए बड़ा झटका है किंतु लोगो को सायद ही इसके पीछे की असली कहानी ही नही पता है! वो कहानी हम आपको बताते हैं ! कैसे नीतीश कुमार मोदी और अमित शाह के बुने जाल में फंस गए

चाल नंबर 1. जानबूझकर भाजपा ने नीतीश पर बनाया अलग होने का दवाब !

नीतीश को पता ही नहीं है की भाजपा खुद चाहती थी की नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो जाए हर काम में बीजेपी का नेता लोग नीतीश के कामों में दखल देते थे , ताकि नीतीश को लगे की वो भाजपा के जंजीरों बंध गए है ! और परेशान होकर वो भाजपा का साथ छोड़ दे हुआ भी यही नीतीश कुमार जी को लगा की भाजपा के साथ काम करने में उन्हें दिकट हो रही है ! इसी वजह से उन्होंने भाजपा से अलग होने का रास्ता ले लिया

चाल नंबर 2. पटना में रहने के बावजूद नीतीश से नही मिले अमित शाह और जेपी नड्डा ??

हाल ही में जेपी नड्डा और अमित शाह भाजपा के कार्यक्रमों में सामिल होने के लिए बिहार के राजधानी पटना गए हुए थे , जंहा से कुछ दूरी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का आवास था लेकिन उसके बावजूद भी दोनो ने ही नीतीश कुमार जी को भाऊ नही दिया क्योंकि ना मिलने का कारण ये भी भाजपा का प्रचंड जाल था!!

चाल नंबर 3. नीतीश कुमार की मौकापरस्त छबि से भाजपा को फायदा???

नीतीश कुमार बाइट सात सालों में तीन बार अपने साथी बदल चुके है वहीं 2015 में राजद और कोंग्रेसंके साथ मिलकर सरकार बनाई , 2017 में फिर मन बदल गया राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई अब लगभग 5 साल बाद उन्होंने फिर से भाजपा का साथ छोड़ दिया RJD ke साथ सरकार बनाने जा रही हैं बीजेपी इस नीतीश की इस राजनीतिक स्थिरता का फायदा उठाएगी और आने वाले चुनाव में इसे मुद्धा बनाकर नीतीश कुमार के खिलाफ ही इस्तेमाल करेगी बिहार के लोगो को यह एहसास कराएगी की आप वोट किसी और को दोगे और सरकार कोई और चलाएगा जो कभी भी एक पार्टी में स्थिर से काम नहीं किया है आप वोट उसे दीजिए जो एक ही पार्टी का हो और एक जैसा ही काम करे जनता के हित के लिए

चाल नंबर 4. RJD का पत्ता नीतीश से ही कटवाने की प्लानिंग

मोदी और अमित शाह को पता है की बिहार में अगर पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी है तो सबसे पहले राजद का पत्ता कटना होगा क्योंकि अभी भी राजद के पास 74 सीटे हैं और जदयू का 43 सीटे अगर राजद की 15 सीटे और जदयू की 10 सीटे जीत लिए तो बिहार में बीजेपी के सरकारी ही बनेगी ! सबसे पहले राजद का पत्ता कटना होगा क्योंकि बिहार में RJD का जनाधार बहुत अधिक है RJD को नुकसान पहुंच गया तो भाजपा का जितने का रास्ता साफ हो जायेगी बस मोदी और शाह की यही एक बड़ी प्लानिंग है ! आपने तो सुना ही होगा दो बिलियो की लड़ाई वाली कहानी जिसमे दो बिलियों की लड़ाई में एक बंदर का फायदा होता है

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