खाते वक्त, घूमते वक्त, टीवी देखते वक्त यहां तक कि वॉशरूम जाते वक्त, हर जगह लोग मोबाइल लेकर जाते हैं। सोते वक्त भी चैन नहीं मिलता, मोबाइल को हम तकिए के नीचे रखकर सोते है। ऐसा एक या दो दिन नहीं होता, डेली ही ऐसा करते हैं क्योंकि हमें इसकी आदत हो गई है।
यही आदत किसी दिन भारी पड़ सकती है। जान लीजिए क्यों-
MD Talk YT नाम के एक YouTuber ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, मेरी मौसी जब सो रही थी, तो उन्होंने फोन को अपने चेहरे के पास तकिए पर रखा था। अचानक उनका Xiaomi Redmi 6A फोन ब्लास्ट हो गया। यह हमारे लिए बुरा समय है।
यह मामला दिल्ली-NCR का बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बरेली से एक दूसरा मामला भी 13 सितंबर को सामने आया। परिवार वालों के अनुसार मोबाइल चार्ज में लगने के बाद ज्यादा हीट हुआ और फट गया। उससे निकली चिंगारी से बगल में बैठी 8 माह की बच्ची झुलस गई और उसकी मौत हो गई।
दोनों मामले पढ़ने के बाद, चलिए करते हैं आपके काम की बात-
सवाल- मोबाइल या स्मार्टफोन क्यों फटते हैं?
जवाब- बैटरी की वजह से ज्यादातर मोबाइल फोन फटते हैं। बैटरी के फटने का सबसे बड़ा कारण हीट यानी गर्मी है। अब आप सोच रहे होंगे कि बैटरी गर्म होने का रिलेशन मौसम से है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल, किसी भी कारण से अगर बैटरी का टेम्प्रेचर बढ़ता है और बैटरी ज्यादा गर्म होती है, तब फोन फटने के चांस होते हैं।
ध्यान देने वाली बात- जब बैटरी का कोई हिस्सा किसी कारण से बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है और जल्दी ठंडा नहीं हो पाता है। तब बैटरी के फटने की संभावना ज्यादा होती है। अच्छे फोन में बैटरी को ठंडा करने के इंतजाम होते हैं, लेकिन सभी फोन में नहीं। सवाल- बैटरी की वजह से मोबाइल कैसे फट जाता है?
जवाब- मुंबई के आईटी एक्सपर्ट मंगलेश एलिया के अनुसार…
चार्जिंग के समय मोबाइल के आसपास रेडिएशन हाई रहता है।
इस कारण बैटरी गर्म हो जाती है। इसलिए यह चार्जिंग के वक्त बात करने पर ब्लास्ट हो सकती है।
यूजर्स की गलतियों की वजह से भी बैटरी ओवरहीट होकर फट जाती है।
बैटरी के सेल डेड होते रहते हैं, जिससे फोन के अंदर के केमिकल में चेंजेस होते हैं और बैटरी फट जाती है।
सवाल- मोबाइल शॉर्ट सर्किट की वजह से कैसे फट जाता है?
जवाब- मोबाइल में लगी एक बैटरी में कई तरह की लेयर होती है। कई बार इन बैटरी के लेयर टूट जाते है या इनमें गैप हो जाता है तो बैटरी फूल जाती है। इसके बाद शॉर्ट सर्किट होकर वो फट सकती है।
सवाल- प्रोसेसर की वजह से मोबाइल कैसे फटता है?
जवाब- समझिए कैसे प्रोसेसर की वजह से मोबाइल फट सकता है-
आजकल ज्यादातर मोबाइल हाई-एंड प्रोसेसर वाले होते हैं, जो ज्यादा गर्म होते है।
प्रोसेसर बैटरी के पास लगा होता है, जब फोन पर ज्यादा लोड पड़ता है, तो प्रोसेसर गर्म होता है।
प्रोसेसर गर्म होकर बैटरी को भी गर्म कर देता है, इसके बाद मोबाइल फटने की संभावना बढ़ जाती है।
सवाल- प्रोसेसर ठंडा रहे, इसके लिए क्या उपाय है?
जवाब- कुछ स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां हाई-एंड प्रोसेसर पर हीट सिंक लगा देती है।
हीट सिंक प्रोसेसर में पैदा हुई हीट को बैटरी से दूर रखता है और फोन को जल्दी ठंडा कर देता है। जिस मोबाइल फोन पर हीट सिंक नहीं होता, उनमें आग लगने की संभावना ज्यादा होती है। सवाल- टेम्प्रेचर कंट्रोल करने के अलावा और क्या सावधानी रखें, जिससे फोन फटने की संभावना कम हो जाए?
जवाब-
बैटरी, शॉर्ट सर्किट और प्रोसेसर के अलावा हार्डवेयर की दिक्कत के चलते भी फोन ब्लास्ट हो सकता है।
इसलिए फोन में कोई भी गड़बड़ी नजर आए, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।
बैटरी फूल जाए, तो तुरंत बदलवाएं। मोबाइल गिर जाए या टूट जाए, तो बैटरी में लीकेज की समस्या आ जाती है, जिससे वो फूलती है और आग पकड़ने का खतरा रहता है।
डुप्लीकेट बैटरी या चार्जर को यूज न करें।
मोबाइल की कोई सिक्योरिटी अपडेट आई हो तो जल्द से जल्द उसे इंस्टॉल करें। मौजूदा मामले में महिला अपने मोबाइल को पास रखकर सोई थी, जिसके बाद मोबाइल अचानक फट गया। हालांकि अगर मोबाइल नहीं फटता, तब भी हेल्थ खराब हो सकता है।
समझिए मोबाइल पास रखकर सोने से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं-
मोबाइल का इस्तेमाल करने से रेडियो फ्रिक्वेंसी निकलती हैं, जो आपके मेटाबॉलिज्म और खानपान पर बुरा असर डाल सकती है।
मोबाइल तकिए के नीचे रखकर सोने से ब्रेन डैमेज होने का खतरा हो सकता है।
इससे निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर और ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं।
सवाल- कई बार देखा गया है कि, चार्जिंग पर लगा फोन फट जाता है, ऐसा क्यों होता है?
जवाब- चार्ज होते टाइम मोबाइल पर लोड बढ़ जाता है। अगर इस सिचुएशन में कोई कॉल पर बात करे, गेम खेले या सोशल मीडिया चलाए, तो डबल स्पीड से लोड बढ़ेगा और बैटरी ओवरहीट होगी। इससे फटने की आशंका बढ़ सकती है।
चलते-चलते
एक रिपोर्ट पढ़ लीजिए और मोबाइल को यूज जरूरत के लिए ही करिए Vox.com की एक रिपोर्ट कहती है कि फर्टिलिटी के लिहाज से महिलाओं की तुलना में मोबाइल या फोन रेडिएशन का ज्यादा असर पुरुषों पर होता है। ऐसा स्पर्म और ओवरी की लोकेशन की वजह से होता है।
महिलाओं के शरीर में ओवरी काफी अंदर तक मौजूद होते हैं, जहां तक रेडिएशन का असर आसानी से नहीं पहुंच पाता है।
पुरुषों की बॉडी में स्पर्म सेल्स टेस्टिस में मौजूद होते हैं, जो शरीर के बाहर होता है। इसलिए रेडिएशन का असर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा तेजी से होता है।