हैदर अली एक्टर ने बताया कि मोहर्रम की शुरुआत हो गई है।और सब इमामबाड़ों ओर घरों में मजलिसों में ईमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया और उनके बारे में बताया गया।शिया धर्म गुरु मौलाना शाने हैदर साब ने बताया कि इमाम हुसैन ने सब कुछ लुटा देने के बाद भी हक़ के साथ खड़े रहे और बातिल की बात नहीं मानी और न ही उससे समझौता किया।नूर मंजिल में मौलाना गाज़ी साब ने ईमाम हुसैन पर यज़ीद की तरफ से किये गए जुल्म के बारे में बताया।फाइक भाई के इमाम बाड़े में मौलाना मुज़्ज़फर हुसैन ने ईमाम हुसैन की शहादत के बारे में बताया और करबला का वाक्या सुनाया।
आफाक नाना के इमाम बाड़े में मौलाना इक़्तेदार साब ने हक ओर बातिल के बारे में बताया और ईमाम हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए कुर्बानी दी उसके बारे में बताया।मोहम्मद नक़ी साब के इमाम बाड़े में ईमाम हुसैन के नोहे पड़कर उनकी शहादत के बारे में बताया गया।अलीनवाब मामू ने मर्सिया पड़ा, ओर फतेह अली साब के इमाम बाड़े में मजलिस भी पड़ी।हैदर अली ने रुबाई पड़ते हुए कहा कि ये शान ये शौकत हुसैन देते हैं, हमारे घर में बरकत हुसैन देते हैं, अज़ादारी के नाम पर जो खर्च करते हैं साल भर उन्हें दौलत हुसैन देते हैं।हैदर अली, साहबे आलम, शानू, अज़ीम, नक़ी रज़ा, कायम आदि ने नोहा खानी की।