बंदी सिंघों की रिहाई के लिए गठित 11 सदस्यीय कमेटी का पुनर्गठन किया जाए: जीके
नई दिल्ली (2 अगस्त 2022) केंद्र सरकार द्वारा गुरुद्वारों में स्थित यात्री निवासों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की जागो पार्टी ने निंदा की है। जागो पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के द्वारा यात्री निवासों पर जीएसटी लगाना मुगलों द्वारा जजिया थोपने के बराबर है। वहीं, जीके ने बंदी सिंघों की रिहाई के लिए पिछले रविवार से गुरुद्वारा बंगला साहिब में सिख संगठनों द्वारा लगाए गए स्थायी मोर्चे को दिल्ली कमेटी द्वारा सहयोग नहीं किए जाने की छपी खबरों के बारे बोलते हुए!
सवाल किया कि दिल्ली कमेटी प्रबंधकों को ऐसी सलाह कौन दे रहा है ?
क्या ये सरकारों से डरते हैं ?
जीके ने शिरोमणी कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से अपील करते हुए कहा कि वह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब से परामर्श करके बंदी सिंघों की रिहाई के लिए बनी हुई 11 सदस्यीय कमेटी का तुरंत पुनर्गठन करें। क्योंकि इस कमेटी में शामिल कुछ लोग बंदी सिंघों की रिहाई की मांग का समर्थन करने की बजाए इस एजेंडे को पटरी से उतारने का काम कर रहे हैं। जीके ने कहा कि जब मैं दिल्ली कमेटी का अध्यक्ष था तो हमने किसी भी धर्म या विचारधारा के लोगों को लंगर देने में कोई भेदभाव नहीं किया था। चाहे अन्ना आंदोलन हो, किसान संगठनों का धरना हो या पूर्व सैनिकों का या राजनीतिक दलों का विरोध प्रदर्शन हो, हमने जंतर-मंतर से लेकर रामलीला मैदान सहित सभी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावितों तक लंगर पहुंचाने की कोशिश की थी।लेकिन वर्तमान कमेटी बंदी सिंघों की रिहाई की मांग कर रहे सिखों को लंगर आदि देने से भगोड़ी साबित हुई है।
जीके ने कहा कि यात्री निवासों पर जीएसटी थोपना गलत फैसला है। हमें यह भी पता चला है कि यह केवल गुरुद्वारों के यात्री निवासों पर लागू हुआ है। जबकि गुरुद्वारों के यात्री निवास कोई कमाई करने वाले व्यापारिक अड्डे नहीं है। यह इन सुविधाओं के एवज में यात्रियों से मात्र रखरखाव के खर्च वसूल करने का एक साधन मात्र है। इसलिए सरकार के द्वारा यात्री निवासों को व्यावसायिक प्रतिष्ठान मानना गलत है। सरकार को तुरंत अपने गलत फैसले को पलट देना चाहिए। इस मौके पर जागो पार्टी के प्रमुख महासचिव डॉ. परमिंदर पाल सिंह, दिल्ली कमेटी सदस्य सतनाम सिंह और नेता जतिंदर सिंह बॉबी मौजूद थे।