अनुराधा चौधरी. उम्र करीब 35 साल. कद-काठी दुबली-पतली. राजस्थान की रहने वाली. पढ़ाई, बीटेक. एमबीए. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है. कभी शेयर ट्रेडिंग की मास्टर कही जाने वाली. लेकिन, आज उसे एके-47 गन से फायरिंग करने और अपहरण करने का एक्सपर्ट माना जाता है. आनंदपाल जैसी कहानी पर ही एक वेबसीरीज आई थी. रंगबाज. बताया जाता है कि इसकी कहानी में भी अनुराधा जैसी कहानी थी.
अनुराधा राजस्थान के सीकर की रहने वाली है. बताया जाता है कि वह पढ़ाई में काफी तेज थी. एमबीए करने के दौरान ही उसका प्रेम फैलिक्स दीपक मिन्ज से हो गया. घर वाले इस प्रेम के खिलाफ थे. लेकिन, दोनों ने घर वालों के खिलाफ जाकर शादी कर ली. इसके बाद शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू कर दिए. दोनों ने लोगों के लाखों रुपये ट्रेडिंग में लगवा दिए.
शुरू में ट्रेडिंग का धंधा बढ़िया चला, लेकिन अचानक धंधा रुक गया. दोनों करोड़ों के कर्ज में डूब गए. बताया जाता है कि लेनदारी खत्म करने के लिए दोनों ने जरायम की दुनिया में एंट्री ली. हालांकि, इस दौरान भी उसपर लगातार लोगों का दबाव था. इसी दौरान वह हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा से संपर्क की. इसके बाद दोनों का संपर्क आनंदपाल सिंह से हो गया.
कहा जाता है कि आनंदपाल सिंह से संपर्क होने के बाद उसने उसे बदल दिया. अनुराधा से मिलने से पहले आनंदपाल देसी लड़का हुआ करता था. शर्ट-पैंट पहनता. गमछा रखता. लेकिन, अनुराधा ने उसे बदल दिया. वह उसके संपर्क में आने के बाद सूट-बूट में रहने लगा. हैट पहनने लगा. वह इंग्लिश में बात करने लगा. कहा जाता है कि उसे इंग्लिश भी अनुराधा ने ही सिखाया.
कहा जाता है कि आनंदपाल के संपर्क में आने के बाद उसके हर क्राइम की प्लानिंग का हिस्सा अनुराधा भी रही. एक तरफ अनुराधा आनंदपाल को बदल रही थी तो आनंदपाल भी उसे एके-47 जैसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था. अनुराधा जरायम की दुनिया में गहराई से घुसती जा रही थी.
इस बीच सीकर के एक व्यापारी का अपहरण होता है. पुलिस की तफ्तीश में सामने आता है कि इस अपहरण में अनुराधा का हाथ है. काफी तलाश के बाद भी अनुराधा पुलिस को नहीं मिलती है तो पुलिस उसके ऊपर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित करती है. इसके बाद से ही अनुराधा जरायम की दुनिया का एक चर्चिता चेहरा हो जाती है.
इसके बाद 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदरा हत्याकांड होता है. इसकी धमक विधानसभा तक में सुनाई देती है. इस हत्याकांड के बाद इसके मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद का अपहरण हो जाता है. इसमें भी अनुराधा का नाम सामने आता है और पुलिस उसकी तलाश करती है.
साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने एक एनकाउंटर में आनंद पाल को मार गिराया. इसके बाद राज्य में बड़ी राजनैतिक गतिविधियां तेज हुई थीं. कहा जाता है कि इसके बाद अनुराधा ने उसके गैंग की कमान संभाल ली. इस बीच उसका नाम रिवॉल्वर रानी पड़ गया और लोग उसे इसी नाम से जानने लगे.
इस बीच वह अपने धंधे को अकेले संभालने में जूझती रही. जब उसे सबकुछ संभलता नहीं दिखा तो उसने गैंगस्टर काला जठेड़ी से हाथ मिला लिया. कहा जाता है कि दोनों साथ ही रहने भी लगे थे. काला ने पुलिस से बचने के लिए सिख युवक का भेष धारण कर लिया था. दोनों हर कुछ दिन में अपना ठिकाना बदल देते थे.
पुलिस को दोनों की काफी लंबे समय से तलाश थी. जुलाई 2021 में यूपी के सहारनपुर सरसावा के पास एक ढाबे से पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया. दोनों एक क्रेटा कार में थे और पुलिस काला जठेड़ी को पहचान नहीं पाई थी.