संवाददाता बृजेश कुमार
नई दिल्ली:-लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल का शुभारंभ सन 1916 में हुआ लगभग 106 वर्षों में इस संस्थान का निदेशक किसी दलित को नहीं बनाया गया था I पिछले वर्ष सितंबर माह में डॉ रामचंद्र को इस संस्थान का निदेशक बनाया गया उसके बाद से वह लगातार मरीजों की सुविधाओं के लिए सरकार की सभी योजनाओं को अच्छे ढंग से लागू कर रहे थे
जिसमें प्रमुख एकेडमिक ब्लॉक को चालू करना बायोमेट्रिक हाजरी को चालू करवाना नया आई पी डी ब्लॉक चालू करना एवं होटल में रहने वाले मेडिकल छात्रों के लिए अच्छा माहौल बनाना I सरकारी पोर्टल जेम से ईमानदारी से खरीदारी करवाने में बहुत योगदान रहा पिछले महीने जेम के माध्यम से सफाई एवं सुरक्षा का टेंडर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से किया गया जिन कंपनियों को टेंडर अवार्ड हुआ उन लोगों ने प्राइवेट सर्विस के लिए सफाई कर्मचारियों से ₹25000 एवं सुरक्षा कर्मी गार्ड से ₹ 45000 की मांग रखी जैसे ही डायरेक्टर को इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने तुरंत इन दोनों कंपनियों की जांच समिति का गठन किया
जिन कंपनियों कि भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो कंपनी वालों ने संस्थान के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर जिनके खिलाफ गंभीर आरोपों में जांच पड़ताल चल रही है उनसे मिलकर निदेशक महोदय की शिकायत मंत्रालय में कर दी गई इस पर मंत्रालय ने शिकायत पर किसी प्रकार की जांच पड़ताल किए बिना ही दलित निदेशक को तुरंत अपने पद से हटाकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल मैं डीन बनाकर भेज दिया गया मोदी सरकार कहती है
कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत होना चाहिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जो लोग भ्रष्टाचार कर रहे थे उनका संरक्षण देखकर एक दलित ईमानदार जिसने उन कंपनियों के खिलाफ इंक्वायरी कमेटी का गठन किया उसी को पद से हटा दिया गया ये कहाँ का न्याय है