श्री 1008 दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में जैन दर्शन के शाश्वत पर्युषण महापर्व

“उत्तम क्षमा गहो रे भाई,इहभव जस परभव सुखदायी”
● कालुष अनुत्पत्ति क्षमा:- पूज्य गुरुमां
● उपसर्ग आने पर भी संकल्प-विकल्प उत्पन्न न हो वह है क्षमा:-गणिनी आर्यिका
● शब्दों का घाव वर्षों के बाद भरता हैं:विभाश्री माताजी
●जैन संतो जैसी क्षमा धारण करने का अभ्यास प्रारम्भ कीजिये: विभाश्री माताजी

झाँसी: गांधी रोड स्थित श्री 1008 दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में जैन दर्शन के शाश्वत पर्युषण महापर्व के अवसर पर पूज्य गुरुमां गणिनी आर्यिकारत्न विभाश्री माताजी के ससंघ सानिध्य में ध्यानयोग पर्यूषण महोत्सव के प्रथम दिवस ‘उत्तम क्षमा धर्म’ की श्रद्धाभक्ति पूर्वक पूजन अर्चना की गई।

पूज्य विभाश्री माताजी ने प्रवचनों में अपनी अमृतमयी वाणी से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि पर्व वह होता है जो हमारी सोयी हुई आत्मा को जगा देता हैं,जो हमें अन्धकार से उठाकर के प्रकाश में ले आता हैं,वह पर्व होता है और पर्व जोड़ने का कार्य करता हैं।उन्होंने आगे कहा कि हम यह सोचते है कि क्रोध उत्पन्न हो जाए तब क्षमा मांग लेना यह उत्तम क्षमा धर्म हैं बल्कि जैन आगम में क्रोध आने पर,क्रोध निकालने पर,दूसरे के द्वारा पीड़ित किये जाने पर क्षमा मांगने को क्षमा धर्म नही कहा हैं। जैन ग्रंथो में पूर्वाचार्यों ने लिखा है ‘कालुष अनुत्पत्ति क्षमा’ अतार्थ कलुषता उत्पन्न ही न हो वह क्षमा धर्म हैं। वास्तव में मूल में देखा जाए तो उत्तम क्षमा धर्म निर्ग्रन्थ दिगम्बर साधकों-मुनियों का धर्म हैं। संत बिना अरिहंत नही बना जाता और अगर अरिहंत बनना हैं तो अगर संत नही बन सकते तो संतो जैसी समता धारण कर क्षमा आदि दस धर्मों की आराधना कर अभ्यास प्रारम्भ करना होगा तभी आपका कल्याण होगा।

इसके पूर्व भगवान के मस्तक पर शांतिधारा करने का सौभाग्य सुकमाल जैन ‘बड़ागांव वाले’,सुभाष जैन ‘बिजली वाले’,अमित जैन ‘प्रधान’,आलोक जैन ‘विश्वपरिवार’,राजेन्द्र जैन ‘चिरगांव’,देवेन्द्र जैनको को प्राप्त हुआ।
पूज्य माताजी के पाद-प्रक्षालन करने का अवसर दीप्ति जैन संगीता जैन खोवा वाले परिवार को एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य दिनेश जैन ‘डीके’ को प्राप्त हुआ

इसके पूर्व विधिविधान पूर्वक श्री देव-शास्त्र_गुरु पूजन,आदिनाथ पूजन,मूलनायक पद्मप्रभु पूजन,सोलहकारण पूजन, दसलक्षण पूजन श्रमणी आर्यिका विनयश्री माताजी के निर्देशन में पं.स्वतंत्र भैया जी टीकमगढ़ प्रतिष्ठाचार्यत्व एवं श्रीमती सोनी जैन सिरसागंज की संगीतमय स्वर लहरियों द्वारा सम्पन्न कराई गई।

सभा में दीप प्रज्वलन करने का सौभाग्य पंचायत अध्यक्ष अजित जैन ‘बीड़ी वाले’,चातुर्मास समिति के मुख्य संयोजक राजीव जैन ‘सिर्स’,सुनील जैनको,सपना जैन,रंजना जैन,दीपमाला जैन को प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में उपस्थित बासु जैन पत्रकार एवं पप्पू खान पत्रकार ने पूज्य माताजी को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद गृहण किया।
उत्तरांचल तीर्थक्षेत्र कमेटी के महामंत्री प्रवीण जैन पत्रकार ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।
इस अवसर पर समाजसेवी अशोक जैन लाला, रमेश जैन ‘अछरौनी’,जिनेन्द्र सर्राफ,सुनील जैन ‘अछरौनी’,करगुंवाजी मंत्री सिंघई संजय जैन,प्यावलजी मंत्री खुशाल जैन,संजय जैन गुदरी,प्रदीप जैन महरौनी,अलंकार जैन,मनोज सिंघई,डॉ राजीव जैन,दीपांक जैन,अमन जैन,शुभम जैन छोटू,आशीष जैन ‘माची’,सचिन सर्राफ,यश सिंघई,शुभम जैन जैरी,अंजलि जैन ‘सिर्स’,पिंकी जैन,मेघा जैन,कल्पना जैन आदि उपस्थित रहें।

सभा का संचालन करते हए सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया पर्युषण महापर्व के अवसर पर गाँधी रोड स्थित दि. जैन बड़ा मन्दिर में पूज्य विभाश्री माताजी के मंगल सानिध्य में दसों दिन प्रातःकाल 5 बजे से है ध्यानयोग,सहस्रनाम स्तोत्र मंत्रों के द्वारा भगवान का जलाभिषेक, सुख शान्ति समृद्धि हेतू शान्तिधारा,पूजन एवं प्रत्येक दिन प्रत्येक धर्म पर मांगलिक प्रवचन सम्पन्न होंगे,दोपहर में संत भवन में तत्वार्थ सूत्र की वाचना, सांयकाल प्रतिक्रमण,ध्यान,आरती,शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न होंगे
अंत मे आभार पंचायत के मनोनीत सदस्य गौरव जैन नीम ‘बीड़ी वाले’ ने व्यक्त किया।

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