नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के हौजखास विलेज में दिल्ली नगर निगम व पुलिस अधिकारियों के मिलीभगत के कारण धड़ल्ले से अवैध पार्किंग संचालित की जा रही है। इस अवैध पार्किंग के संचालन से जहां निगम को प्रतिमाह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं पार्किंग में कार लगाने वाले लोगों सेे मनमानी तौर पर कई गुना अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। विरोध करने पर चालकों के साथ न सिर्फ बदसलूकी की जा जाती है, बल्कि लोगों के साथ मारपीट की भी घटना को अंजाम दिया जा रहा है। कई बार पुलिस को शिकायत देने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती।
जानकारी के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पार्किंग साइड से नियमत: भुगतान नहीं मिलने के कारण ठेका निरस्त कर दिया था। आरोप है कि पार्किंग का ठेका पाने वाली कंपनी को निगम को शुल्क राशि के रूप में करीब 22 लाख रुपए देने थे। जिसमें कंपनी देने में असमर्थ रही। टेंडर निरस्त हो जाने के बावजूद यहां से अवैध वसूली की जा रही है। जिसमें निगम अधिकारी के साथ-साथ पुलिस भी शामिल होती दिखाई दे रही है। इस मामले में दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल के निदेशक अमित कुमार भारद्वाज की प्रतिक्रिया जानने के लिए कई कॉल व मैसेज कर संपर्क करने की कोशिश किया गया। लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
वीकेंड पर दो सौ रुपए प्रति घंटा लगता है चार्ज
बता दें कि हौजखास विलेज में संचालित हो रही पार्किंग में शनिवार और रविवार को खास तौर से रात के वक्त लोगों से दो सौ रुपय प्रति घंटे कि मनमानी वसूली की जारी है। विरोध करने पर पार्किंग के लिए बैठाए गए लड़के जबरन गुंडागर्दी और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। कई बार पीडि़त द्वारा पुलिस को शिकायत देने के बाद बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।