1984 के सिक्ख नरसंहार और उसके बाद इन दंगों से आहत हुए. परिवारों की दुर्दशा को दर्शाती डाक्यूमेंट्री फिल्म का ट्रेलर रिलीज

आज दिनांक 29 जुलाई २०२२ को ग्लोबल मिडास कैपिटल ने प्रेस क्लब ऑफ इन्डिया दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। प्रेस कांफ्रेंस का उद्देश्य मिडास प्रोडक्शन हाउस द्वारा 1984 के सिक्ख नरसंहार और उसके बाद इन दंगों से आहत हुए. परिवारों की दुर्दशा को दर्शाती डाक्यूमेंट्री फिल्म के विषय में आम जनता के संज्ञान में लाना और इसका ट्रेलर रिलीज़ करना है।

प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य रूप से सरदार इंदर प्रीत सिंह फाउंडर ग्लोबल मिडास कैपिटल ने मीडिया को संबोधित किया और मिडिया के सवालों के जवाब भी दिए। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके प्रोडक्शन हाउस ने 1984 में सिक्खों के नरसिंहार के विषय में एक डाक्यूमेंट्री बनाई है। इस डाक्यूमेंट्री को बनाने का कारण है आम जनता के सामने 1984 के दंगों से आहत हुए परिवारों की हालत दिखाना। उन्होंने कहा कि आज से 38 साल पहले हुए इस नरसंहार के शिकार हुए परिवारों के हाल पूछने वाला कोई नहीं है।

सरकारी स्तर पर यह बताया जाता है कि जो लोग इन दंगों में मारे गए थे उनके परिवारों का पुनर्स्थापन किया जा चुका है। परन्तु वास्तविकता यह है कि जिन परिवारों के अपने उस नरसंहार में मारे गए वो परिवार आज भी बहुत बुरी स्थिति में जीवन व्यतीत कर रहे है। इंदर ने बताया कि जब उनकी टीम ने नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके विषय में जाना तो पता चला कि ना उनके पास आजीविका का कोई प्रयाप्त साधन है और ना ही उनके बच्चों को स्कूल जाना नसीब हो पा रहा है। सरकार कोई भी हो, इन दुखी परिवारों का साथ देने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सोचिये कि जो युवा उस समय 20 वर्ष का रहा होगा वो अब 58 का होगा यानि उसने अपनी पूरी ज़िन्दगी इन्हीं हालात में निकाल दी।

सरदार इंदर प्रीत सिंह ने कहा कि 32 साल का समय केवल यह साबित करने में लग गया कि केवल उत्तर प्रदेश में इन दंगों में 127 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। अगर 32 साल यह साबित करने में लगे हैं कि इतने लोगों ने इन दंगों में अपनी जान गँवाई थी। यह सोचने वाली बात है कि इन लोगों को इंसाफ कब मिलेगा और जब इंसाफ मिलेगा तब इसकी गवाही देने वाले जिंदा भी रहेंगे या नहीं।

उन्होंने बताया कि 1984 के दंगों पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री “1984 Genocide of Sikhs” में इन दंगों में आहत हुए लोगों के इंटरव्यू शामिल किये गए हैं जो अपने आप में सच्चाई का साक्ष्य हैं। फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज़ करने के लिए ओटीटी प्लेटफार्म से बातचीत चल रही है। इंदर प्रीत ने बताया कि इस फिल्म को रिलीज़ ना करने के लिए उनपर दबाव बनाया जा रहा है और धमकियाँ भी मिल रही है। फिर भी इंसानियत धर्म के मद्देनज़र वो रुकने वाले नहीं हैं और फिल्म रिलीज़ होकर रहेगी। उन्होंने कहा कि इसका ट्रेलर रिलीज़ किया जा रहा है और जल्द ही फिल्म की रिलीज़ की तारीख घोषित की जाएगी। उन्होंने ना केवल भारतीय सिक्खों से बल्कि विदेशों में बसे अपने गुरु भाइयों से यह अपील की कि इस विषय में हैण्ड होल्डिंग के लिए आगे आयें। उन्होंने कहा कि गुरु घर के सिक्ख होने के नाते जो परिवार परेशानी में हैं उनका सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य वास्तविक सच्चाई को सामने लाना है।

सरदार इंदरप्रीत सिंह जी ने यह भी बताया कि उनका प्रयास है कि यह डाक्यूमेंट्री “1984 Genocide of Sikhs” भारतीय संसद में दिखाई जाए। भारत के अलावा ग्लोबल मिडास फाउंडेशन का यह भी प्रयास है कि यह डाक्यूमेंट्री इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की संसद में भी दिखाई जाए। उन्होंने बताया कि यह भी प्रयास किया जा रहा है कि इस डाक्यूमेंट्री के माध्यम से यूनाइटेड नेशन को भी वास्तविकता दिखाई जाए और इस विषय में यदि आवश्यकता पड़ी तो यूनाइटेड नेशन के हस्तक्षेप के लिए भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने विदेशों में रह रहे एन आर आई भाइयों से भी सहयोग की अपील की।

ग्लोबल मीडिया फाउंडेशन चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से यह बनाई गई है

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