नई दिल्ली, बुधवार, ६ दिसंबर ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर 7 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली आयोजित की गई है। इसमें देश भर के पेंशनर 132 रेल गाड़ियों के रद्द होने के बावजूद भी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
7 दिसंबर को रामलीला मैदान में विशाल रैली के उपरांत 8 दिसंबर से जंतर मंतर पर आमरण अनशन किया जाएगा। इस अनशन में NAC के प्रतिनिधि मंडल में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत, राष्ट्रीय महासचिव श्री वीरेन्द्र सिंह राजावत व राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार श्री डॉ. पी एन पाटिल आमरण उपोषण पर बैठेंगे। जब तक केंद्र सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है यह अनशन जारी रहेगा। रैली के लिए समिति के शीर्ष नेता दिल्ली और आसपास के शहरों में पेंशनरों की सभाएं कर उन्हें संगठित कर रहे हैं।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने बताया, “ईपीएस-95 पेंशनर्स पिछले 7 वर्षों से न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए महीना, महंगाई भत्ता, पति-पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सभी को समान रूप से हायर पेंशन की मांग को लेकर देश भर में आंदोलन कर रहे हैं। हमारी चार सूत्रीय मांगों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। EPFO के पास पर्याप्त मात्रा में फंड है लेकिन फिर भी जिस प्रकार से अन्य पेंशन योजनाओं में सरकार ने अपना अंशदान बढ़ाया है उसी प्रकार से EPS 95 पेंशन योजना में सरकार अपना अंशदान बढ़ाए व देश के वृद्ध EPS 95 पेंशनर्स को सम्मान देते हुए सुरक्षित रखे।”
पेंशनर्स के लिये राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष कर रहे संगठन NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने NAC के प्रतिनिधि मंडल के साथ पूर्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री कार्यालय में दो बार मुलाकात की व पेंशनर्स की 4 सूत्रीय मांग के विषय में ज्ञापन भी सौंपा था।
कमांडर श्री अशोक राऊत ने EPS 95 पेंशनर्स की दयनीय व मरणासन्न अवस्था का जिक्र करते हुए पेंशनर्स की बढ़ती हुई मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त कर पेंशनर्स की मांगो को मंजूर करने हेतु सभी मांगों को मंज़ूर कराने का प्रयास किया जा रहा है। संगठन की माँग है कि NAC के मुख्यालय बुलढाणा, महाराष्ट्र में पिछले लगभग 1810 दिनों से जारी क्रमिक अनशन भी समाप्त हो सके।
ग़ौरतलब है कि EPS 95 पिछले कई सालों से निरन्तर अलग-अलग मंचों से अपनी माँगो को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। पेंशनर्स की माँग है कि उन्हें मिनिमम पेंशन 7500 रुपये एवं मंहगाई भत्ता दिया जाए । ईपीएफओ के पत्र दिनांक 23.03.2017 के अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा साथ ही मेडिकल सुविधा व अन्य भी मान्य हो।
राष्ट्रीय सचिव रमेश बहुगुणा ने बताया, “हमारी मांगों को सरकार ने लंबे समय से लंबित रखा है। अब हमारे लिए करो या मरो कि स्थिति है। प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्री आश्वासन दे चुके हैं परंतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण पेंशनरों में रोष व्याप्त है पेंशन बढ़ने की आस में प्रतिदिन औसतन 200 पेंशनरों की मृत्यु होने के कारण समिति अब आमरण अनशन का मन बना चुकी है।”