समाज में गरीब बच्चों की शिक्षा को लेकर तथा असहाय बच्चों को विभिन्न हुनर सीखने से लेकर उनके खाने-पीने की व्यवस्था तथा महिला सशक्तिकरण के ऊपर 5 वर्षों से पावर एनजीओ लगातार कार्य कर रही है। एनजीओ की संस्थापक रोजिना ने कहा की एनजीओ ने सफलता पूर्वक अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया,इसके उपलक्ष्य में आज इन असहाय बच्चों के साथ अपना स्थापना दिवस लोधी गार्डन में मनाया।
हमारा उद्देश्य है की देश का हर बच्चा शिक्षित हो तभी हमारा देश विकसित होगा।
शिक्षा हमारे समाज में विवेक, ज्ञान, समझ, और समर्पण की भावना को विकसित करती है। शिक्षा मानवीय सम्पदा को वृद्धि देती है और सभी क्षेत्रों में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। शिक्षा मानव विकास की मूलभूत आवश्यकता है। यह हमारे मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और आध्यात्मिक विकास को संवारती है।
जो बच्चे शारीरिक रूप से असहाय है उन स्पेशल बच्चों को हमने अलग-अलग माध्यम से विभिन्न पढ़ना सिखाया ताकि वह बच्चे भी कुछ वह बच्चे भी पढ़ लिखकर कुछ बन पाए।
महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से हमने महिलाओं को तरह-तरह के बैग बनाना, तथा होम डेकोरेशन का सामान बनाना, कैंडल बनाना सिखाया ताकि महिलाएं भी रोजगार से जुड़ सके और नारी शक्ति भी आगे बढ़ सके। आज लोगो का प्यार और दुआएं हमारे साथ हैं जिससे हम निरंतर पावर एनजीओ के माध्यम से बच्चों और महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास प्रयत्न कर रहे हैं।
वही पावर एनजीओ से जुड़े नान बाबू जायसवाल ने कहां की
आज के आधुनिक समय में महिला सशक्तिकरण एक विशेष चर्चा का विषय है। हमारे आदि- ग्रंथों में नारी के महत्त्व को मानते हुए यहाँ तक बताया गया है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”
अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।
लेकिन विडम्बना तो देखिए नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद
भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ की वह भी आर्थिक रूप से संपन्न हो। आज हम अपने छोटे से प्रयास से महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं ताकि राष्ट्र के विकास में महिलाओं को भी योगदान हो।