गया जिला संवाददाता = नीरज कुमार यादव
बिहार की मोक्ष नगरी कहे जाने वाले गया में शनिवार को भारत के पहले सीडीएस और पूर्व थल सेना प्रमुख मेजर जनरल बिपिन सिंह रावत की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान किया गया। परिजनों ने मेजर जनरल बिपिन रावत और उनकी धर्म पत्नी मधुलिका रावत का पिंडदान किया। गया जी में इन दिनों पितृपक्ष मेला चल रहा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने भी गया जी में अपने पितरों के लिए पिंडदान किया।
इस मौके पर मौजूद मेजर जनरल बिपिन रावत के साला कुमार यशवर्धन सिंह ने बताया कि हम लोग मेजर बिपिन रावत की दो बेटी और छोटा बेटे के साथ मोक्ष की नगरी गया में पिंडदान करने पहुंचे हैं। पूरे विधि और विधान के साथ विधिवत तरीके से पिंडदान किया गया। पिंडदान के कर्मकांड में पूर्व थल सेना प्रमुख की बड़ी बेटी कृतिका रावत, छोटी बेटी तारिणी रावत, स्वर्गीय मेजर जनरल बिपिन रावत के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत आदि मौजूद रहे।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनके परिजन मोक्ष की नगरी गया में पहुंचे शनिवार की सुबह विधि विधान से पिंडदान किया। विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु नदी के तट पर जनरल और उनकी पत्नी की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया गया। इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। कर्मकांड संपन्न हो जाने के बाद परिजन गया एयरपोर्ट से अपने घर के लिए रवाना हो गए।
8 दिसम्बर 2021 को देश के पहले सीडीएस यानि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत शहीद हो गए। हादसे का शिकार हुए Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। चॉपर में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे। इन सभी की मौत हो गई।