सांसदों ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में तिरंगा यात्रा निकाली। बाइक पर निकाली गई रैली को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय मंत्रियों प्रल्हाद जोशी और पीयूष गोयल की मौजूदगी में हरी झंडी दिखाई। रैली लाल किले से शुरू होकर विजय चौक पर खत्म हुई। जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने बाइक रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, वहीं विपक्षी गायब रहे।
इसके बाद विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस के सदस्य रैली में नहीं आए, लेकिन बयान जारी किया कि तिरंगा तो उनके दिल में है। वहीं राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जैसे कांग्रेसी नेताओं ने पं. जवाहरलाल नेहरू की तिरंगे वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। भाजपा ने भी जवाब दिया कि कांग्रेस तिरंगे के नाम पर भी राजनीति कर रही है। जबकि संसद भवन की ओर जारी पत्र में सभी सांसदों को यात्रा के लिए निमंत्रण दिया गया था।
राष्ट्रीय ध्वज के नाम पर भी कांग्रेस ने किया विवाद
रैली पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तिरंगा पार्टी नेताओं के दिलों में है। तिरंगा हमारे दिल में है, खून की तरह हमारी रगों में है। 31 दिसंबर 1929 को पंडित नेहरू ने रबी नदी के तट पर तिरंगा फहराते हुए कहा था, ‘अब तिरंगा फहराया है, झुकना नहीं चाहिए’ आइए हम सब इस तिरंगे को अपनी पहचान बनाएं, जो देश की अखंड एकता का संदेश देता है। जय हिंद।