देश की 27 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं,जो छह वर्ष से कम आयु के लगभग 8 करोड़ बच्चों को पोषण, स्वास्थ्य और ईसीसीई की बुनियादी सेवाएं प्रदान करती आ रही है और आईसीडीएस के तहत लगभग 2 कोर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं ने घोषणा की है कि उन्हें इलाज का अधिकार है।
उन्होंने कहा न्यूनतम मजदूरी,पेंशन और सामाजिक सुरक्षा का लाभ वाले श्रमिकों के रूप में। जहां देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को “अमृत महोत्सव” के रूप में मना रहा है, वहीं हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी न्यायोचित और जायज मांगों को उठाने के लिए 4 दिवसीय ‘आंगनवाड़ी अधिकार महापदाव’ में शामिल होने के लिए नई दिल्ली की सड़कों पर उतर हैं।
आपको बताते चलें कि
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाडी वर्कर्स एंड हेल्पर्स के आह्वान पर, 26 जुलाई, 2022 को सत्ताधारी सरकार की कार्यकर्ता विरोधी,जनविरोधी,योजना विरोधी कार्यकर्ता नीतियों के खिलाफ लड़ने के एक ऊँचे संकल्प के साथ, ‘आंगनवाड़ी अधिकार महापदाव’ शुरू हुआ। 4 दिवसीय महापदाव का समापन 29 जुलाई, 2022 को संघर्षों को और तेज करने के संकल्प के साथ होगा। महापड़ाव में पहले दिन 7 हजार से अधिक आंगनबाडी कार्यकर्ता व सहायिकाएं शामिल हुईं,