द्वारका पुलिस ने पीएमकेवीवाई योजना के तहत युवा कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य सडक़ पर रहने वाले बच्चों और युवाओं को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे और उन्हें खेल, नुक्कड़ नाटक और कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
यह एक सामुदायिक पुलिसिंग पहल है जो न केवल युवाओं को अपराध और अपराधी कृत्यों से रोकने के लिए बल्कि उन्हें कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराध के प्रबंधन और बड़े पैमाने पर समुदाय से जुडऩे में पुलिस के साथ भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
दिल्ली पुलिस की वर्तमान पहल का उद्देश्य युवाओं को उनकी क्षमताओं के अनुसार उनके कौशल को उन्नत करके उनसे जोडऩा है। यह उन्हें कौशल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत लाभकारी रोजगार पाने में मदद करेगा। बीते दिनों द्वारका पुलिस ने नामांकन मेला युवा-2.0 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस नामांकन मेले में 14 प्रशिक्षण भागीदारों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और रुचि के अनुसार इस कार्यक्रम में नामांकित किया गया है। प्रशिक्षण भागीदार पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद सभी प्रतिभागियों को कौशल प्रमाण पत्र भी देंगे और उनकी इंटर्नशिप की व्यवस्था भी करेंगे। बता दें कि नामांकन मेला युवा-2.0 में द्वारका जिले में युवा उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए नामांकित किया गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीसीपी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की प्राथमिकताओं में जहां आरोपियों को सजा दिलवाना रहता है।
वहीं भटके हुए युवाओं को समाज की मुख्यधाराओं में लाना भी होता है। जिसके लिये समय समय पर दिल्ली पुलिस भटके हुए युवाओं से बातचीत करके उनको नौकरी देकर सही राह पर चलाने की कोशिश करती है। उनसे समय समय पर बातचीत करके उनकी परेशानी सुनती है और उनकी सहायता करती है। उनको प्रेरित करती है कि वो आगे अपने भटके हुए दोस्तों को भी समझाकर समाज की मुख्य धाराओं में जोडऩे की कोशिश करें। इसी नेक कार्य का हिस्सा बनी दुर्गा सप्तशती फाउंडेशन की फाउंडर और BTSS की महिला दिल्ली अध्यक्ष संध्या सिंह पारुल कटारिया और उनके सहयोगी जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रयासरत रहीं