भक्ति की शक्ति देश से हजारों किलोमीटर दूर शनिवार को इंग्लैंड में देखने को मिली। भारतीय एथलीट प्रियंका गोस्वामी ने विमेंस 10 हजार मीटर रेस वॉक में सिल्वर मेडल जीता। मेडल सेरेमनी के बाद प्रियंका अपने अराध्य लड्डू गोपाल की मूर्ति के साथ नजर आईं। उन्होंने कहा- यह मेडल भगवान श्रीकृष्ण और मेरे परिवार को समर्पित है। उनके सपोर्ट के बिना यह कामयाबी नहीं मिलती।
प्रियंका ने 49 मिनट 38 सेंकेंड में पूरी की रेस
प्रियंका ने 10 हजार मीटर वॉक रेस को 49 मिनट 38 सेकेंड में पूरा कर दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा ने 42.34 मिनट का समय निकालकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वहीं, केन्या की एमिली 43.50.86 मिनट में रेस पूरी कर तीसरे स्थान पर रहीं। तेजस्विन के हाई जंप में ब्रॉन्ज और मुरली श्रीशंकर के सिल्वर मेडल के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में एथलेटिक्स में यह भारत का तीसरा पदक है।
रेलवे में हैं काम करती हैं प्रियंका
प्रियंका रेलवे में काम करती हैं हैं। वह मूल रूप से मेरठ की रहने वाली हैं। उन्होंने 20 किलो मीटर वॉक रेस में देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलिंपिक में भी देश को रिप्रजेंट किया था।
पिता रोडवेज के कंडक्टर
प्रियंका के पिता मदनपाल गोस्वामी यूपी रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी करते थे। पर किसी कारण से उनकी नौकरी चली गई थी। जिसके बाद घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। प्रियंका ने मेरठ के गर्ल्स स्कूल और बीके माहेश्वरी से स्कूली शिक्षा पूरी की। बीए की पढ़ाई पटियाला में की। इस दौरान पिता टैक्सी चलाकर, आटा चक्की और छोटे-मोटे कामकर जैसे-तैसे 4 से 5 हजार रुपये भेजते थे।