दिल्ली में पंथक एकता हासिल हुई, पंजाब में भी ऐसी ही अपील करते हैं: सरदार सुखबीर सिंह बादल
डीएसजीएमसी सदस्य और पूर्व पार्षद परमजीत सिंह राणा भी अकाली दल में हुए शामिल
दिल्ली:-एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में अनुभवी अकाली नेता सरदार मंजीत सिंह जीके ने अपनी पूरी जागो पार्टी टीम के साथ अकाली दल में फिर से शामिल हुए और राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को मजबूत करने के साथ साथ सभी लंबित सिख मुददों का समाधान करने के लिए दिल्ली अकाली दल परमजीत सिंह सरना के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज दिल्ली अकाली दल अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ लीडरशीप के साथ सरदार मंजीत सिंह जीके के आवास का दौरा किया। इससे पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य और पूर्व पार्षद परमजीत सिंह सरना भी दोबारा अकाली दल में शामिल हो गए।
सरदार जीके ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष ने पंथक एकता की अपील करने के लिए उनके आवास पर आकर बहुत अच्छा किया और घोषणा की कि वह अपनी पूरी जागो पार्टी टीम के साथ अकाली दल में बिना शर्त दोबारा शामिल हो रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि वह श्री अकाल तख्त के समक्ष अकाली दल अध्यक्ष द्वारा दिल से मांगी गई माफी से काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। उन्होने कहा, ‘‘ एकता समय की मांग है और हमारे लंबित मुददों को हल करने के लिए इसकी आवश्यकता है, चाहे वह बंदी सिंहो की आजादी हौ यां अनुच्छेद 25(खंड -2बी) मं सशोंधन की बहारी यां फिर ज्ञान गोदड़ी साहिब और श्री डांगमार साहिब की बहाली, शिरोमणी कमेटी के मामलों में हस्तक्षेप को रोकना और चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कमजोर करना हो। उन्होने श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर सभी सिख बंदियों को रिहा करने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की और भाई बलवंत सिंह राजोआणा को रिहा नही करने लेकिन बिलकिस बानो के बलात्कारी को रिहा करने के दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
इस अवसर पर बोलते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने श्री जीके का पार्टी में वापिस स्वागत करते हुए कहा, ‘‘ पंथक एकता को प्रभावित करना मेरी हार्दिक इच्छा है और यह खुशी की बात है कि यह दिल्ली में हासिल किया गया है’’। उन्होने श्री जीके के पिता जत्थेदार संतोख सिंह द्वारा पंथ के हित में किए गए महान योगदान के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल के साथ उनकी निकटता को भी याद किया। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में सभी पंथक गुट एक हो रहे हैं और वह पंजाब में भी इसके लिए प्रयास करेंगें’’। कुछ लोग पहले ही अकाली दल में वापिस आ चुके हैं और मैं जो बचे हैं उन सभी से अपनी मूल पार्टी में वापिस आने की अपील करता हूं’’।
सरदार बादल ने यह भी बताया कि देश में दो कानून हैं और सिखों को अभी न्याय नही मिल रहा है और साथ ही उन्होने इस बात पर भी विचार किया कि दिल्ली में सिखों के कत्लेआम के अपराधियों को इस भयावह घटना के चालीस साल बाद भी अभी तक सजा नही दी गई है। उन्होने कहा, ‘‘ जब हम सब फिर से एकजुट हो गए तो समुदाय से संबंधित सभी मुददों का समाधान प्राप्त हो जाएगा।
दिल्ली अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने श्री जीके का पार्टी में वापिस आने का स्वागत करते हुए कहा कि अगर सिख समुदाय एक होकर एकजुट नही हुआ तो इतिहास उन्हे कभी माफी नही करेगा। उन्होने कहा, ‘‘ ऐसा नही हुआ तो हमें भेदभाव का सामना करना पड़ेगा’’। श्री सरना ने यह भी स्पष्ट यिका कि अकाली दल अध्यक्ष ने दो बार सिख समुदाय से माफी मांगी थी-एक बार सरदार परकाश सिंह बादल के ‘भोग’ समारोह में और फिर श्री अकाल तख्त साहिब पर । उन्होने कहा, ‘‘ इस बारे में कुछ भी कहने की गुंजाइश नही है’’।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने भ्ीा संबोधित किया और कहा कि पूरा सिख जगत अकाली दल के साथ डटकर खड़ा होगा।