झांसी* माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा की बैठक राधा कृष्ण इंटर कॉलेज में संगठन के जिलाध्यक्ष बी एल भास्कर की अध्यक्षता एवं अलीम अहमद के मुख्य आथित्य डॉ तुलसीराम जी के संचालन में हुई जिसमें माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों व शिक्षिकाओं ने भाग लिया और उन्होंने सरकार से वित्तविहीन शिक्षकों को ₹20000/ मासिक मानदेय देने की मांग की वक्ताओं ने कहा कि पूर्व अखिलेश सरकार द्वारा वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देना शुरू किया जिससे शिक्षकों में बड़ी आशा जगी थी। वर्तमान योगी सरकार द्वारा मानदेय बंद कर दिया जिससे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों में अत्यंत निराशा तो है ही लेकिन वह एवं उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है।वक्ताओं ने कहा कि माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक एम, ए.बी एड डिग्री धारी है उच्च शिक्षा ग्रहण किए हुए हैं । डिग्री लेने के बाद आज हम लोग तीन-चार हजार रू में वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। लेकिन विभिन्न विद्यालयों की हालत ठीक नहीं है, क्योंकि उन्हें सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है और बच्चों की फीस पर भी विद्यालय संचालक प्रबंधक निर्भर रहते हैं ।
कोरोना काल की वजह से विद्यालयों की स्थिति दयनीय हो चुकी है फीस नहीं आ रही है जिससे विद्यालय संचालक एवं उनके प्रबंधक भी आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं। जिसकी वजह से वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय भी नहीं मिल पा रहा है जबकि सरकार लाखों-करोड़ों, अरबों के बजट प्रतिदिन किसी न किसी मद में खर्च कर रही है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विद्यालयों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जबकि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा 87०/० वित्तविहीन शिक्षकों की भागीदारी है और उन्हीं की वजह से प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा चल रही है।तथा बोर्ड परीक्षा में हाई स्कूल इंटर में माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों के ही बच्चे टॉपर कई वर्षों से करते आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में मूलभूत शिक्षकों की जो समस्या है। सरकार का ध्यान नहीं है।जबकि राज्य सरकार का दायित्व है कि शिक्षा प्राप्त युवाओं, महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराएं। सरकार को पढ़ाई में हम लोगों ने लाखों रुपए देकर, खर्च करके हम लोगों ने डिग्री हासिल कर ली है
लेकिन रोजगार नहीं दिया गया जो अत्यंत खेद का विषय है।जबकि सरकार की तरफ से वर्तमान सरकार की ओर से कई बार स्टेटमेंट आए कि माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा शर्तें,नियमावली एवं मानदेय सम्मान जनकदिया जाएगा, लेकिन आज तक वित्तविहीन शिक्षकों की सेवा शर्तें नियमावली लागू नहीं की गई और ना ही मानदेय दिया गया है।जिससे प्रदेश के लगभग 400000/ शिक्षक शिक्षिकाएं एवं उनका परिवार भुखमरी की कगार पर है इसलिए सभी शिक्षक, माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा की ओर से मांग करते हैं कि माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों को कम से कम 20000/ मानदेय प्रतिमाएं दिया जाए ताकि इस महंगाई में उनका उनके परिवार का भरण पोषण हो सके इस दौरान प्रमुख रुप से तरुण कुमार अलीम अहमद रेखा साधना नेहा सोनम रिचा हेमलता रवि अश्वनी पूजा मुस्कान दुर्गा प्रसाद रजनीअहिरबार अजरा मैडम मंजू वर्मा मृत्युंजय बृजेश वर्मा मोहन राजपूत शालिनी वर्मा अवनीश वर्मा सतीश कुमार आदि शामिल रहे।संचालन डॉतुलसीराम आचार्य एवं आभार सभी का माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के जिला अध्यक्ष बी एल भास्कर ने प्रकट किया।