# मजबूरी में इच्छा से मौत की कामना कर रहे हैं वृद्ध पेंशनधारी, करो या मरो की स्थिति
# एनएसी का कहना है, “हम हमेशा सम्मान के साथ जियेंगे”
# नोटिस अनदेखा होने पर रास्ता रोको और रेल रोको आंदोलन किया जाएगा
# आंदोलन में भाग लेने के लिए महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, एमपी, यूपी, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तराखंड सहित 27 राज्यों के पेंशनभोगी
# 15 दिन के भीतर मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो होगा देशव्यापी आंदोलन
नई दिल्ली, दिनांक-20 दिसम्बर 2022
राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) के सदस्यों ने एक बार फिर माननीय प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री के वादों के बावजूद उनकी मांग को मंजूरी देने में देरी के खिलाफ आवाज उठाने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय आंदोलन समिति के संयोजक कमांडर अशोक राउत ने माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, परिवहन मंत्री, रेल मंत्री एवं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी सहित माननीय श्रम मंत्री जी को आंदोलन की सूचना एवं उसकी प्रति भेजी है। संसद के सभी माननीय सदस्यों/सीबीटी सदस्यों और अन्य सभी संबंधित गणमान्य व्यक्तियों को ई-मेल द्वारा नोटिस भेजा गया है। चयनित स्टेशनों पर रास्ता रोको आंदोलन/रेल रोको आंदोलन/इच्छुक इच्छा मृत्यु आंदोलन की सूचना पूरे देश में तहसील/जिला स्तर से की जाएगी।
कमांडर राउत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है कि वे सभी शिकायतों और शिकायतों का हवाला देते हुए श्रम और रोजगार मंत्री से कई बार मिल चुके हैं लेकिन राहत की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अशोक राउत ने कहा, “भारत सरकार अन्य पेंशन योजनाओं को सुचारू रूप से चला रही है लेकिन ईपीएस 95 पेंशनरों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इन सभी कारणों से पेंशनरों में गुस्सा चरम पर है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) ने EPS 95 पेंशनभोगियों को न्याय दिलाने के लिए पिछले 6 साल से संघर्ष कर रहे हैं NAC की चार सूत्री मांगों को अभी तक नहीं माना गया है, इसीलिए 01 और 02 दिसंबर 2022 को बैंगलोर (कर्नाटक) में होने वाली CWC की बैठक में कुछ अहम फैसले मांगों को स्वीकृत कराने के लिए लिया गया था। हमारे सदस्य दिन-ब-दिन दुनिया छोड़ रहे हैं, इसलिए हाल ही में 30 जुलाई 2022 को सीबीटी की बैठक में हमारी मांगों के संदर्भ में कुछ नहीं हुआ, सीबीटी कोई गंभीर प्रस्ताव नहीं भेज रहा है।”
एनएसी के चीफ कमांडर अशोक राउत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “ईपीएफओ, पेंशनरों के खिलाफ चाल चलकर, सीबीटी सदस्यों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिले लेकिन 70 लाख वृद्ध पेंशनरों का भाग्य अधर में लटका हुआ है। महाराष्ट्र के बुलढाणा स्थित मुख्यालय में 24 दिसंबर 2018 से पिछले 4 वर्षों से महिलाओं सहित सैकड़ों वृद्धावस्था पेंशनभोगी भूख हड़ताल पर हैं।”
यदि नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो किसी भी दिन से बिना नोटिस दिये आंदोलन प्रारम्भ कर दिया जायेगा।