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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post ग्लोबल मिडास फाउंडेशन ने सार्वजनिक परिवहन के लिए मानसा के गांवों की समस्या उजागर की, 40 गांवों में बस सेवा ना होना विकास और कल्याण कार्यों में रुकावट appeared first on The News Express.
]]>मानसा, पंजाब, 11 जुलाई 2024 पंजाब के पिछड़े इलाकों में तरक्की को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल मिडास फाउंडेशन ने अपने “साडा खिडदा पंजाब” अभियान के तहत मानसा जिले के गांव अलीके में “पंचों की संसद” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में पंच, सरपंच, बुजुर्ग और अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक नेता महंत गोपाल दास (डेरा हेम गिरी जी महाराज), महंत मक्खन मणि (डेरा करिपुर दूमो), फाउंडेशन के अध्यक्ष इंद्रप्रीत सिंह, यूथ फॉर पंजाब के संयोजक हरमीत सिंह और ग्लोबल सिख चैंबर्स के निदेशक और प्रमुख अमन बंदवी ने संबोधित किया। सिख वूमेन फॉर चेंज की अध्यक्ष हरलीन कौर ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान नेताओं ने क्षेत्र की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। सबसे पहले सार्वजनिक बस सेवा की घाट का मामला सामने आया। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने बताया कि मानसा के 40 से ज्यादा गांवों में कोई सार्वजनिक बस सेवा नहीं है। इसी तरह, क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है। आसपास कोई डिस्पेंसरी नहीं होने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार क्षेत्र में शिक्षा सुविधाओं का अभाव है, जिसके कारण बहुत से लोग अशिक्षित हैं, जो आज के समय में एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। क्षेत्र में जल स्तर काफी नीचे चला गया है और पीने का पानी भी प्रदूषित हो गया है, जिससे हेपेटाइटिस सी और कैंसर के मामलों जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।
लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद उनके समाधान के लिए फाउंडेशन की ओर से कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई, जिसके तहत सरदार इंद्रप्रीत सिंह ने 28 जुलाई को मुफ्त स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की घोषणा की, जिसमें आंखों, त्वचा, हृदय और सामान्य रोगों के विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाएगी।
अमन बंदवी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एक ट्यूशन सेंटर की स्थापना की घोषणा की, जिसमें शिक्षित युवा और सेवानिवृत्त शिक्षक शामिल होंगे।
हरमीत सिंह ने क्षेत्र में जल स्रोतों को फिर से भरने के लिए जल लंगर अभियान शुरू करने की घोषणा की, जिससे स्वच्छ पानी की पहुंच सुनिश्चित होगी।
हरलीन कौर ने नशीली दवाओं की लत से पीड़ित युवाओं के लिए डिटॉक्स समाधान पर केंद्रित एक कल्याण अभियान शुरू करने की घोषणा की।
पंचों की संसद ने पंजाब के इस प्रमुख लेकिन पिछड़े जिले की दुर्दशा को सामने लाते हुए मानसा में तत्काल हस्तक्षेप और सहायता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। ग्लोबल मिडास फाउंडेशन इस क्षेत्र में समृद्धि और सतत विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस व्यक्तिगत मिशन में दुनिया भर के हितधारकों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अधिक जानकारी के लिए ग्लोबल मिडास फाउंडेशन से संपर्क किया जा सकता है।
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]]>The post ग्लोबल मिडास फाउंडेशन ने फिरोजपुर के ममदोट में “पंचों की संसद” का आयोजन किया appeared first on The News Express.
]]>ग्लोबल मिडास फाउंडेशन ने आज पंजाब के फिरोजपुर जिले के ममदोट गांव में “पंचों की संसद” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह आयोजन “साडा खिडदा पंजाब” परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राज्य के स्वर्ण युग को वापस लाने के लिए फाउंडेशन की एक पहल है। इस कार्यक्रम में जिले भर से लगभग 60 सरपंचों और ग्राम प्रधानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही, जिसमें फाउंडेशन के अध्यक्ष इंदर प्रीत सिंह, जिले की प्रमुख आवाज गुरबख्श सिंह पीपीएस (सेवानिवृत्त), यूथ फॉर पंजाब इनिशिएटिव के संयोजक हरमीत सिंह एवं फाउंडेशन के निदेशक अमन बंदवी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान इंदर प्रीत सिंह ने पंजाब के लिए योजनाबद्ध विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी साझा की, जिनमें “नशा मुक्त पंजाब” अभियान रचनात्मकता के माध्यम से पंजाब को नशा मुक्त बनाना शामिल है। खाद और कीटनाशक के ज्यादा उपयोग को घटाने के प्राकृतिक कृषि के प्रति जागरूकता पैदा करना।
प्रदेश में गरीब एवं जरूरतमंद कन्याओं के विवाह के संबंध में महत्वपूर्ण पहल।
पानी की सतह को ऊपर उठाने और कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए समाधान लागू करना।
“जल लंगर” और “जल संसद” के उत्सव के लिए गतिविधियों की घोषणा, जल संरक्षण, जल संसाधनों के पुनर्जन और घटते जल संसाधनों के पुनरुद्धार के लिए प्रयत्न करना।
इस अवसर पर गुरबख्श सिंह ने बेहतर कृषि पद्धतियों, नशा मुक्त गांवों के बारे में जानकारी दी और सामुदायिक भागीदारी और सहयोग पर प्रकाश डाला।
हरमीत सिंह ने इस पहल में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया और गांवों के युवाओं को बदलाव के माध्यम से राजदूत बनने के लिए तैयार किया।
अमन बंदवी ने सामुदायिक भागीदारी और भविष्य में उज्जवल दिन लाने के लिए हर किसी में महान गुरुओं की शिक्षाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
ग्राम नेताओं ने अपने क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं के बारे में बात की और इन समस्याओं को मिलकर हल करने के लिए एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क बनाने पर सहमति व्यक्त की।इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण “नशा मुक्त पंजाब” योजना का शुभारंभ था, जिसे अन्य जिलों, गांवों और शहरों तक बढ़ाया जाएगा।इस मौके आने वाले हफ्तों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की योजना की भी घोषणा की गई, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस पहल की सराहना की।
पंजाब के उज्ज्वल भविष्य के लिए ऐसी पहल की आवश्यकता है।
ग्लोबल मिडास फाउंडेशन के बारे में ग्लोबल मिडास फाउंडेशन विभिन्न पहलों के माध्यम से पंजाब के समग्र सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं के लिए प्रतिबद्ध है।
“साड़ा खिडदा पंजाब” प्रोजेक्ट पंजाब के रंगीन इतिहास और आशाजनक भविष्य को पुनर्जीवित करने के लिए फाउंडेशन द्वारा की गई कई पहलों में से एक है।
सिख महिला बदलाअ पहल की अध्यक्ष हरलीन कौर ने युवाओं को नशीली दवाओं के संकट से बचाने के लिए स्वास्थ्य अभियानों पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को हमारे गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करने और पंजाब की प्रगति में योगदान देने के लिए मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित करने को कहा।
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]]>The post श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी के सीधे प्रसारण को फ्री करने और सभी चैनलों को इसका प्रसारण करने का अधिकार मिलने को लेकर उठी विवाद की आंच अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई appeared first on The News Express.
]]>– राजनीतिक ऊंचाईं हासिल करने के लिए बाज बनो धोखेबाज नहीं : शंटी
– पंजाब सरकार से की अपील, सिखों के धार्मिक मामले में न करें हस्तक्षेप
नई दिल्ली, (2 जुलाई): श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी के सीधे प्रसारण को फ्री करने और सभी चैनलों को इसका प्रसारण करने का अधिकार मिलने को लेकर उठी विवाद की आंच अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। इस मामले में रविवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीबी जागीर कौर श्री दरबार साहिब से गुरबाणी प्रसारण को लेकर नई-नई सलाह दे रही हैं। बार-बार गुरबाणी प्रसारण मामले को बिजनेस से जोड़कर देख रही हैं। लेकिन शायद वह यह भूल गईं हैं कि जब वह एसजीपीसी की अध्यक्ष हुआ करती थी तब उन्होंने ही एक निजी चैनल को गुरबाणी का सीधा प्रसारण करने की इजाजत दी थी। शंटी ने इस दौरान कई दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि उन्होंने जो प्रसारण के लिए समझौता किया था उसमें साफ लिखा है कि इस दौरान जो विज्ञापन से धन प्राप्त होगा उसका 10 फीसदी का लाभ एसजीपीसी को भी जाएगा। ऐसे में उन्हें यह कहने का कोई हक नहीं बनता है कि प्रसारण पर किसी एक संस्थान व परिवार का अधिकार है। शंटी ने कहा कि अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि सिखों के गौरवशाली इतिहास में महिलाओं का अहम स्थान रहा है लेकिन बीबी जागीर कौर ने महिलाओं के इतिहास से कुछ नहीं सीखा। इस दौरान दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के सदस्य परमजीत सिंह खुराना, सुखविंदर सिंह बब्बर, गुरप्रीत सिंह खन्ना, इंदरप्रीत सिंह कोचर, पूर्व सदस्य सुरिंदर सिंह कैरों भी मौजूद रहे।
शंटी ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल (शिअद) में शामिल होकर कौर ने धर्म और राजनीति के क्षेत्र में बहुत कुछ हासिल किया है, अब वह उसी अकाली दल को बदनाम कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्ष 2000 में बीबी को नीली सफारी कार कहां से मिली? क्या यह गाड़ी उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए उपहार के रूप में नहीं दी गई थी? उन्होंने बताया कि जब तक आप पद पर आसीन थीं तब तक तो सब सही था, अब जब आपको एसजीपीसी व पंथ ने नकार दिया तो आपकी जमीर जाग गई। यह जमीर पहले क्यों सोई हुई थी। उन्होंने जागीर कौर और पंजाब सरकार को सलाह देते हुए कहा कि आप सिखों के धार्मिक मसलों पर हस्तक्षेप करना छोड़ दो। इसके लिए एसजीपीसी है।
शंटी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको राजनीति में राजनीतिक जगह तलाशने के लिए दूसरे हथकंडे अपनाने चाहिए और सिखों के धार्मिक मामलों में दखल देने से बचना चाहिए। सिख कभी भी अपने धर्म में राजनीतिक हस्तक्षेप पसंद नहीं करते। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से भी गुरबाणी प्रसारण के मुद्दे पर तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह लेने की अपील की है। वहीं दिल्ली कमेटी के सदस्य सुखविंदर सिंह बब्बर ने कहा कि पहले दिल्ली कमेटी, फिर हरियाणा कमेटी और अब पंजाब सरकार एसजीपीसी के कामों में दखल देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने पंजाब सरकार से कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह सिख पंथ की परंपराओं का मजाक उड़ा रहे हैं जिसे सिख किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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]]>The post सरना ने सिख गुरुद्वारा अधिनियम संशोधन पर भगवंत मान के प्रस्ताव को बोगस और सिख धार्मिक क्षेत्र में सहजधारियों को शामिल करने के लिए ड्राई रन बताया appeared first on The News Express.
]]>पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के 1925 के सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन लाने के प्रस्ताव के जवाब में, शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने इस घोषणा की कड़ी आलोचना करते हुए इसे फर्जी बताया और इसमें नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास बताया। सरना ने राज्य विधानसभा में एक फर्जी प्रस्ताव के माध्यम से किए जा रहे ऐसे संशोधनों की अनुपयुक्तता पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन केवल राष्ट्रीय संसद में ही किए जा सकते हैं। सरना ने कहा, राज्य विधानसभा में सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन लाने का मान का दावा पूरी तरह से फर्जी है। इस तरह के संशोधन राष्ट्रीय संसद के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, और राज्य विधानसभा के लिए ऐसे प्रस्तावों पर विचार करना बेहद अनुचित है। यह केवल पंजाबियों को गुमराह करने और एक को दूसरे के खिलाफ करने का काम भी हो सकता है।
इसके अलावा, सरना ने जोर देकर कहा कि मान का प्रस्ताव सिख धार्मिक क्षेत्र पर नियंत्रण करने के खतरनाक इरादे को दर्शाता है, एक ऐसा कदम जिसे पंथ स्वीकार नहीं करेगा। मान के प्रस्ताव के संभावित परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, सरना ने एसजीपीसी प्रबंधन में सहजधारियों को शामिल करने के उद्देश्य से एक खतरनाक ड्राई रन के खिलाफ चेतावनी दी। सरना ने जोर देकर कहा, हमें मान के कार्यों के पीछे अंतर्निहित मंशा के बारे में सावधान रहना चाहिए। उनका प्रस्ताव सहजधारियों के लिए एसजीपीसी प्रबंधन का नियंत्रण लेने का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में एक खतरनाक कदम प्रतीत होता है। यह एसजीपीसी प्रबंधन की अखंडता और धार्मिक पवित्रता के लिए गंभीर प्रभाव डालेगा। भगवंत मान को सीधे संदेश में, सरना ने सुझाव दिया कि अगर वह वास्तव में सिख की शिक्षाओं के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें अपने पद से हटने पर विचार करना चाहिए और एक अमृतधारी सिख को पंजाब का मुख्यमंत्री बनने देना चाहिए। सरना ने कहा है कि मान वास्तव में सिख के उपदेशों की परवाह करते हैं, तो मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें और एक अमृतधारी सिख के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त करें। यह हमारे विश्वास के सिद्धांतों को बनाए रखने और सुनिश्चित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा। सरना ने कहा सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास करने के बजाय, मैं मान को एक प्रस्ताव लाने के लिए कहता हूं जो सुनिश्चित करता है कि केवल अमृतधारी सिख ही पंजाब में मुख्यमंत्री का पद संभालने के योग्य हैं। यह सही दिशा में एक कदम होगा। प्रैस कांफ्रेंस में दिल्ली कमेटी सदस्य जितेंद्र सिंह साहनी, बलदेव सिंह रानी बाग, तेजिंदर सिंह गोपा, अनूप सिंह घुम्मण, जतिंदर सिंह सोनू, करतार सिंह विकी चावला, पार्टी के वरिष्ठ सदस्य रविंद्र सिंह खुराना, तेजवंत सिंह, गुरदेव सिंह भोला, मंजीत सिंह सरना, सुरिंदर सिंह केरो आदि मौजूद रहे।
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]]>The post पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खाने के बाद अब सीएम मान की चाय पर क्यो हो रहा विवाद जानिए क्या है पूरी सच्चाई appeared first on The News Express.
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पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खाने के बाद अब सीएम मान की चाय पर क्यो हो रहा विवाद जानिए क्या है पूरी सच्चाई
पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को खाने के खर्च पर घेरने वाले पंजाब के सीएम भगवंत मान अब चाय नाश्ते को लेकर विवादों में आ गए है. जिसकी बड़ी वजह बना है मुख्यमंत्री कार्यालय का एक साल का चाय नाश्ते का बिल. एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सीएम मान के शपथ लेने के बाद से एक अब तक चाय नाश्ते का बिल 31 लाख रुपए से अधिक आया है.
साल 2022 के अप्रैल महीने में 2 लाख 73 हजार 788 रुपए का बिल आया तो वहीं मई में यह बिल बढ़कर 3 लाख 55 हजार 795 रुपए हो गया, इसके बाद जून में चाय नास्ते का बिल 3 लाख 25 हजार 248 रुपए आया और फिर जुलाई में 2 लाख 58 हजार 347 रुपए, वहीं अगस्त में 2 लाख 33 हजार 305 रुपए, इसी तरह सितंबर-अक्टूबर में 2 लाख 82 हजार 347 और 1 लाख 64 हजार 573 रुपए, नवंबर में 1 लाख 39 हजार 630, दिसंबर में 1 लाख 54 हजार 594 रुपए खर्च आया. वही साल 2023 की अगर बात करें तो जनवरी 2023 में 1 लाख 56 हजार 720, फरवरी में 1 लाख 62 हजार 183, वहीं मार्च में 1 लाख 73 हजार 208, इसके अलावा अप्रैल में 1 लाख 24 हजार 451 रुपए मुख्यमंत्री कार्यालय के चाय नाश्ते का खर्चा आया.
आपको बता दें कि पटियाला के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट गुरजीत सिंह गोपालपुरी के द्वारा आरटीआई के माध्यम में मुख्यमंत्री कार्यालय के चाय नाश्ते के खर्चे का ब्यौरा मांगा गया था.
कुछ महीने पहले बठिंडा के आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव गोयल की तरफ की तरफ से भी सीएम निवास पर हुए खर्चे का मार्च 2022 से जनवरी 2023 तक का ब्यौरा मांगा गया था. डायरेक्टर प्राहुणचारी व आतिथ्य विभाग पंजाब चंडीगढ़ ने कहना है कि सीएम मान के चंडीगढ़ स्थित रिहायश पर हुई सरकारी मीटिंगों में चाय-पानी और खाने आदि पर 11 महीनों में 24 लाख 96 हजार 640 रुपए खर्च हुए है.
विपक्ष को बैठे बिठाए आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरने का मौका मिल गया है. क्योंकि इससे पहले कांग्रेस की सरकार के समय पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का खाना विवादों में आया था. तीन महीने के लिए मुख्यमंत्री रहे चन्नी कार्यकाल के दौरान करीब 60 लाख रुपए का खाना खा गए. आरटीआई के माध्यम से ये खुलासा हुआ था.
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शिरोमणी गुरुद्वारा कमेटी एवं शिरोमणी अकाली दल के संयुक्त प्रयासांे से शताब्दी समारोह का हुआ आगाज
जस्सा सिंह रामगढ़िया की तीसरी शताब्दी को समर्पित होकर खालसाई जाहो जलाल से निकला आलौकिक नगर कीर्तन
जस्सा सिंह रामगढ़िया द्वारा औरंगजेब के तख्त ए ताउज को उखाड़ कर लेजाती झांकी रही आकर्षण का केन्द्र
नई दिल्ली 16 अप्रैल: महान सिख जरनैल जस्सा सिंह रामगढ़िया की तीसरी शताब्दी को समर्पित होकर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी, सः परमजीत सिंह सरना की रहनुमाई में शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई की समुची टीम एवं िद्वारा संयुक्त रुप से कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं जिसकी शुरुआत आज नगर कीर्तन फतेह मार्च से हुई। दिल्ली के गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब से गुरु ग्रन्थ साहिब की छत्रछाया एवं पांच प्यारांे की अगुवाई में महान नगर कीर्तन आरंभ हुआ जो कि शंकर रोड, पटेल नगर, मोती नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर से होता हुआ देर शाम गुरुद्वारा छोटे साहिबजादे फतेह नगर में समाप्त हुआ।
शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने बताया कि दिल्ली की संगतों में इस महान नगर कीर्तन के प्रति खासा उत्साह था जिसके चलते संगत ने बढ़चढ़ कर नगर कीर्तन का स्वागत किया। उन्हांेने बताया कि नगर कीर्तन में बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया के औरंगजेेब के तख्त ए ताउज को उखाड़ कर लेजाते हुए एक झांकी लगाई गई थी जिसका मकसद देश के हर नागरिक को जानकारी देना था कि यह वही तख्ते ताउज था जिस पर बैठकर औरंगजेब बेगुनाहों की मौत का फरमान सुनाया करता। ताकि देश के हर नागरिक को जानकारी मिल सके कि कैसे जालिम औरंगजेब के उस तख्ते ताउज को सिख जरनैलों ने उखाड़ फंेका और दिल्ली फतेह की।
सः परमजीत सिंह सरना ने कहा पिछले कई दिनों से उनकी पूरी टीम कार्यक्रमों की तैयारियों में लगी हुई थी जिसमें जस्सा सिंह रामगढ़िया शताब्दी कमेटी के चेयरमैन मनजीत सिंह जीके व उनके साथियों सहित रामगढ़िया बिरादरी के लोगों को भी भरपूर सहयोग मिला जिसके चलते कार्यक्रमों का सफल आयोजन हो सका। उन्होंने दिल्ली की संगत का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने तपतपाती की गर्मी की परवाह ना करते हुए ंपूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन में भाग लिया और उसका जगह जगह स्वागत भी किया गया। उन्होंने बताया कि कल शाम को हरि नगर के खेल परिसर में कीर्तन समागम का आयोजन किया जायेगा और परसों खालसाई खेल निहंग जत्थेबंदीयों एवं सिख सूरमाओं के द्वारा खेले जायेंगे। 20 तारीख को सुबह नगर कीर्तन करनाल के रास्ते हरियाणा होता हुआ पंजाब की ओर कूच करेगा।
नगर कीर्तन में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अनेक सदस्य, रामगढ़िया बोर्ड की समुची टीम, आल इन्डिया रामगढ़िया फैडरेषन की टीम के साथ साथ बड़ी गिनती में संगतों ने हाजरी भरी।
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]]>The post दिल्ली के प्रसिद्ध संकट मोचन हनुमान मंदिर में एकनाथ शिंदे नेतृत्व वाली शिवसेना ने मनाया हनुमान जन्म उत्सव appeared first on The News Express.
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हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर, वरिष्ठ शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंदराव अंशुल ने एक बहुत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मशहूर संकट मोचन हनुमान मंदिर की आरती में भाग लिया और मंदिर प्रबंधन के साथ इस अवसर पर आयोजित 56-भोग प्रसाद कार्यक्रम में भी शामिल हुए, जो उनके महत्वपूर्ण राजनीतिक और चुनावी अभियानों के लिए प्रभु हनुमान का आशीर्वाद लेने के लिए था। मंदिर में महंत सूरज गिरी और धनवर्षा ग्रुप के चेयरमैन अंशुमन जोशी ने उनका स्वागत किया।
“हम ‘धनुष-बाण’ के साथ हिंदुत्व की बाला साहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमने सोचा कि यहां हनुमान जयंती सबसे शुभ अवसर है कि हम अपने अभियान ‘मेरा अभिमान, धनुष-बाण’ का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, क्योंकि यह भगवान राम से इस शक्तिशाली हथियार के संबंध में निकटता से जुड़ा हुआ है जो बुराई को नष्ट करता है। हर हिंदू को हनुमान और भगवान राम के दिव्य संबंध का पता है। हमारा संदेश इस शक्तिशाली नारे के साथ भी स्पष्ट है। हम लोगों के साथ हमारे हिंदुत्व और अच्छे शासन की योजना से जुड़ रहे हैं। दिल्ली और अन्य राज्यों में जल्द ही एक व्यापक सदस्यता अभियान शुरू होगा।”अनंदराव अनसुल ने कहा, जो अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान भी राज्यमंत्री थे।आरती के समय, महंत सूरज गिरि और धनवर्षा ग्रुप चेयरमैन अंशुमान जोशी द्वारा मंदिर में अनंदराव आडसुल, पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओ का स्वागत किया गया
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]]>The post छतों पर खड़ीं महिलाओं ने राहुल गांधी को आवाज लगा पूछा- 1,500 रुपये कब दोगे, मिला ये जवाब appeared first on The News Express.
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राहुल गांधी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को तिरंगा झंडा थमाने के बाद हिमाचल में अपनी भारत जोड़ो यात्रा का आगाज किया। यात्रा बुधवार सुबह 7 बजे इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के पंजाब-हिमाचल सीमा पर घटोता से शुरू हुई।
इस दौरान काठगढ़ के पास जब राहुल गांधी पहुंचे तो घरों की छतों से महिलाओं ने जोर से राहुल गांधी को आवाज दी। राहुल आवाज सुनकर रुक गए। महिलाओं ने पूछा कि उनको 1,500 रुपये मासिक पेंशन कब मिलेगी।
महिलाओं के सवाल पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस अपना वादा जल्द पूरा करेगी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी दस गारंटियों में सूबे की महिलाओं को हर माह 1,500 रुपये पेंशन देने का वादा किया था। महिलाओं ने राहुल से उसी वादे को जल्द निभाने की बात कही। इससे पहले रास्ते में यात्रा के दौरान बच्चों ने बाहर से राहुल गांधी का नाम जोर से पुकारा। राहुल ने बच्चों की ओर टॉफियां फेंकी।
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]]>The post जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग के मकानों में भी दरारें, प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने का नोटिस दिया appeared first on The News Express.
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जोशीमठ के बाद अब चमोली ज़िले के कर्णप्रयाग में भी लोग घरों में लगातार हो रही दरारों की वजह से दहशत में हैं.
कर्णप्रयाग में आठ घरों की हालत ख़तरनाक बनी हुई है. जिसे देखते हुए इन घरों में रहने वाले आठ परिवारों को इसे ख़ाली कराने का नोटिस दिया गया है.
बहुगुणा नगर के लोगों ने नोटिस पर क्या कहा
कर्ण प्रयाग के बहुगुणा नगर के रहने वाले हरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उन्हें पटवारी की तरफ़ से घर ख़ाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. बहुगुणा नगर में हरेंद्र बिष्ट का 6 कमरों का घर है.
घर में उनके साथ पत्नी प्रियंका और ढाई साल का बेटा शिवेन रहते हैं. हरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उनके सभी कमरों में दरारे आई हैं. दरारें इतना चौड़ी हैं कि एक कमरे से दूसरे कमरे में देखा जा सकता है.
भरे मन से बात करते हुए हरेंद्र कहते हैं कि अपना सब कुछ छोड़कर, वो भी छोटे बच्चे के साथ, कहीं और जाना बेहद मुश्किल है.
वे कहते हैं, “बिना मूल्यांकन के हम घर कैसे छोड़ दें.”
हरेंद्र बिष्ट का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने जोशीमठ में शिफ़्टिंग के लिए रक़म दी है, उसी तरह हमारी व्यवस्था करें, तो हमें भी आसानी होगी.
हरेंद्र कहते हैं कि साल 2012 में मंडी समिति के भवन निर्माण के दौरान जेसीबी मशीनों से यहाँ खुदाई की गई थी. उस वक़्त के बाद से ही मकानों में लगातार दरारें आनी शुरू हुईं.
कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में ही पंकज डिमरी का चार कमरों का मकान है. उनके सभी चार कमरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें आई हैं.
वे कहते हैं, “दरारें इतनी चौड़ी हैं कि देखकर डर लगता है.”
वे कहते हैं, “दरारें इतनी चौड़ी हैं कि देखकर डर लगता है.”
घर में उनके साथ पत्नी रूचि और दो बच्चे चिन्मय (10 साल) और विभूति (13 साल) साथ रहते हैं.
उन्हें भी घर खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. पंकज का कहना है कि उन्हें घर छोड़ने का बेहद दुख है.
कांपती आवाज़ से पंकज सवाल करते हैं, “बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी.”
वे कहते हैं, “रैन बसेरे से रोज़ सुबह बच्चों का स्कूल जाना नामुमकिन है.”
पंकज ने बताया कि उन्हें रहने के लिए नगर पालिका के रैन बसेरे में कमरा दिया गया है. चूँकि कोई चारा नहीं है, लिहाजा वे अपना सामान लेकर वहां रहने का मन बना रहे हैं. उसके बाद वे रहने के लिए किराए का घर तलाशेंगे.
पंकज डिमरी का कहना है कि उनका घर सड़क के किनारे है.
वे कहते हैं कि पिछले साल बरसात के दौरान ऑल वेदर रोड की मशीनों से कटिंग की गई जिस वजह से घर में दरारें आई हैं.
क्या कहना है कर्णप्रयाग के तहसीलदार का?
कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि “11 जनवरी को तहसील प्रसाशन और अन्य तकनीकी विभागों के साथ 39 मकानों का एक जॉइंट इंस्पेक्शन किया गया था.”
वे बताते हैं कि इनमें से 8 मकान रहने लायक नहीं पाए गए थे.
सुरेंद्र सिंह देव ने बताया, “यूँ तो पूरे 39 मकानों की स्थिति ही ख़राब थी, मगर इनमें ये आठ घर बिलकुल रहने लायक नहीं थे. इन घरों में बहुत ज़्यादा दरारें थी.”
तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि अभी बहुगुणा नगर इलाके के 8 मकानों को खाली करने का नोटिस दिया गया है.
वे कहते हैं, “उन मकानों में रह रहे लोगों को वैकल्पिक आवास के रूप में नगर पालिका परिषद कर्ण प्रयाग के रैन बसेरे में शिफ़्ट किया जाएगा.”
तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि ज़िलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जोशीमठ की तर्ज़ पर राहत सहायता के लिए प्रस्ताव बनाकर ज़िला कार्यालय को भेजा जाए.
जोशीमठ की हालत देखकर पहले ही कर्णप्रयाग के निवासी अपने घरों की दरारें देख परेशान थे, अब घर खाली करने के नोटिस ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है.
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नई दिल्ली गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, 21 सेक्टर रोहिणी में आने वाली संगतों की संख्या, खुलने का समय और शोर प्रतिबंध के संबंध में शहजाद आलम, एसडीएम रोहिणी ने एक आदेश जारी किया है। जिसे लेकर अब राजनीति गरमा गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने इस आदेश को गलत बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष जीके ने उपराज्यपाल व दिल्ली के मुख्यमंत्री से इस पहलू पर ध्यान देने की मांग करते हुए आश्चर्य जताया कि एसडीएम को इस बात पर भी आपत्ति है कि गुरुद्वारा साहिब को रिहायशी इलाके में क्यों बनाया गया है। जीके ने उक्त आदेश का हवाला देते हुए कहा कि एसडीएम ने गुरुद्वारा साहिब में एक समय में 10 से अधिक व्यक्तियों को इकट्ठा नहीं करने के साथ शाम को 7:15 से 8:15 बजे तक की सीमित समय सीमा के दौरान माइक के उपयोग के बिना गुरुद्वारा खोलने का तुगलकी आदेश जारी किया है। हालांकि गुरुद्वारा साहिब रविवार को सुबह 6.45 बजे से 7.15 बजे तक खोला जा सकता है। इसके अलावा महिला श्रद्धालुओं को गुरुवार को अपराह्न 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक बिना माइक के और अनुमत शोर सीमा के भीतर पाठ/कीर्तन करने की अनुमति दी गई है। जबकि गुरु नानक साहिब जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर कोई समय सीमा नहीं होगी।
जीके ने कहा कि इस पाबंदी के पीछे की मानसिकता समझ से परे है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आवाज के शोर की सीमा तय की हुई है।लेकिन एसडीएम के आदेश में इसका कहीं जिक्र नहीं है। केवल गुरुद्वारा साहिब के बारे में ऐसा आदेश देना अन्य धर्मों के स्थानों और सामाजिक कार्यक्रमों के बारे में चुप रहने वाली हरकत है। इसलिए ऐसा मनमाना आदेश देने वाले अधिकारी का तत्काल तबादला किया जाना चाहिए। जागो पार्टी के प्रमुख महासचिव डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने कहा कि दिल्ली में सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक शोर की सीमा 55 डेसिबल है और रात 10 बजे के बाद यह सीमा 45 डेसिबल तक है.। लेकिन गुरुद्वारा साहिब की आवाज को मापे बिना संगत की संख्या और समय के बारे में आदेश देना समझ से बाहर है। प्रथम दृष्टया यह अनावश्यक और कानूनी आदेश की अवहेलना लगती है।
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